नए निर्णय से कांग्रेस को झटका, भाजपा का बढ़ा और उत्साह

मनपा चुनाव नए निर्णय से कांग्रेस को झटका, भाजपा का बढ़ा और उत्साह

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-23 06:22 GMT
नए निर्णय से कांग्रेस को झटका, भाजपा का बढ़ा और उत्साह

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  महानगर पालिका चुनाव के लिए प्रभाग पद्धति के निर्णय में बदलाव के साथ ही स्थानीय स्तर पर राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। एक प्रभाग 3 सदस्य के नए निर्णय को लेकर भाजपा का उत्साह बढ़ा है। कांग्रेस को झटका लगा है। पहले एक वार्ड एक सदस्य का निर्णय लिया गया। उस निर्णय को लेकर कहा जा रहा था कि बस्ती व क्षेत्र स्तर पर प्रभाव रखने वाले सामान्य कार्यकर्ता भी चुनाव जीत जाएंगे। अब चुनाव क्षेत्र बड़ा होगा। मतदाता भी अधिक रहेंगे। लिहाजा निर्दलीय चुनाव लड़ने के इच्छुकों की उम्मीदों पर पानी फिरने लगा है। 

कांग्रेस को नुकसान : कांग्रेस के कई पदाधिकारियों का मानना है कि अधिक सदस्यीय प्रभाग रहने से कांग्रेस को नुकसान होता है। 4 सदस्यीय प्रभाग में कांग्रेस को काफी झटका लगा था। 2017 के चुनाव में 151 में से भाजपा के 108 सदस्य चुने थे। शिवसेना, राकांपा के एक-एक सदस्य चुने गए। कई वर्ष सत्ता में रही कांग्रेस के 29 सदस्य ही जीत पाए थे। महाविकास आघाड़ी सरकार ने विधानमंडल के अपने पहले अधिवेशन में भी बहुसदस्यीय प्रभाग पद्धति को रद्द करने का निर्णय लिया था। इस बीच राज्य चुनाव आयोग ने एक सदस्यीय प्रभाग पद्धति से चुनाव कराने की अधिसूचना जारी की। उसके अनुसार सभी महानगर पालिका ने प्रभाग रचना का अस्थायी प्रारूप तैयार करना शुरू कर दिया। एक सदस्यीय प्रभाग पद्धति से चुनाव होना तय हुआ था। इससे भाजपा काे फर्क नहीं पड़ता

इस तरह चुनाव को लेकर निर्णय बदलने से भाजपा को फर्क नहीं पड़नेवाला है, जिनको घबराहट होती है वे निर्णय बदलते रहते हैं। गडकरी व फडणवीस के विकास कार्यों को कोई चुनौती नहीं दे सकता है। - प्रवीण दटके, अध्यक्ष भाजपा शहर

निर्णय स्वागत योग्य
3 सदस्यीय प्रभाग पद्धति का निर्णय स्वागत योग्य है। एकजुट होकर प्रभाग चुनाव में शिवसेना प्रभाव दिखाएगी। इच्छुक कार्यकर्ताओं को मौका मिलेगा। - प्रमाेद मानमोडे, महानगर प्रमुख,शिवसेना

सहमति का निर्णय
महाविकास आघाड़ी सहमति से विविध निर्णय लेती है। मनपा की सत्ता से भाजपा को बाहर करने के लिए सभी दल एकजुटता दिखाएंगे।  - दुनेश्वर पेठे, अध्यक्ष राकांपा शहर 

1 या 2 सदस्य ही काफी हाेते
मुंबई की तरह एक वार्ड एक सदस्य का निर्णय अनुकूल रहता। वार्ड व प्रभाग स्तर पर 1 या 2 सदस्य ही होते तो काफी होते। सामान्य कार्यकर्ताअों को चुनाव लड़ने में आसानी होती। हालांकि इससे पहले 3 सदस्यीय प्रभाग में भी कांग्रेस ने मनपा चुनाव जीता है। - विकास ठाकरे, अध्यक्ष कांग्रेस शहर

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