अपने मित्र दलों के नेताओं को भी तोड़ने से परहेज नहीं कर रही राकांपा

अपने मित्र दलों के नेताओं को भी तोड़ने से परहेज नहीं कर रही राकांपा

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-07 13:29 GMT
अपने मित्र दलों के नेताओं को भी तोड़ने से परहेज नहीं कर रही राकांपा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार की घटक दल राकांपा अपने सहयोगी दलों के नेताओं को तोड़ने में गुरेज नहीं कर रही है। शिवसेना के नेता तथा सोलापुर मनपा में विपक्ष के नेता महेश कोठे राकांपा में प्रवेश करेंगे। शुक्रवार को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की मौजूदगी में कोठे पार्टी में शामिल होंगे। यह शिवसेना के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। 

 कोठे साल 2019 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के कारण शिवसेना से नाराज चल रहे थे। अब उन्होंने राकांपा में प्रवेश करने का फैसला लिया है। गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कोठे ने कहा कि विधानसभा चुनाव का टिकट काटे जाने के बाद शिवसेना पक्ष प्रमुख तथा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुझे मुंबई में मिलने के लिए बुलाया था। लेकिन मुंबई में मुझे मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय उपलब्ध नहीं कराया गया। ऐसी स्थिति में मैं अपने कार्यकर्ताओं को न्याय नहीं दिला सकता। कोठे ने कहा कि विधानसभा चुनाव का टिकट मेरा अधिकार था। क्योंकि मेरे नेतृत्व में शिवसेना के 23 नगरसेवक जीते थे पर स्थानीय लोगों ने शीर्ष नेतृत्व तक गलत जानकारी पहुंचाई। लेकिन अब मैं किसी के खिलाफ आरोप नहीं लगा रहा हूं। मेरी किसी से व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है। कोठे ने कहा कि भले ही मैं राकांपा में प्रवेश कर रहा हूं पर केवल थाली की कटोरी बदलेगी, थाली वही रहेगी। क्योंकि आगामी मनपा चुनाव तीनों दल गठबंधन करके लड़ेंगे। इसके पहले भिवंडी मनपा के 18 कांग्रेस नगरसेवक राकांपा में शामिल हो गए थे।  
 

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