नक्सलियों ने ट्रेन रोकी, फिर लोको पायलट को लूटा, डिब्बे में बांधे बैनर

छ्त्तीसगढ़ नक्सलियों ने ट्रेन रोकी, फिर लोको पायलट को लूटा, डिब्बे में बांधे बैनर

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-19 15:31 GMT
नक्सलियों ने ट्रेन रोकी, फिर लोको पायलट को लूटा, डिब्बे में बांधे बैनर

डिजिटल डेस्क, रायपुर। बस्तर के दंतेवाड़ा में रविवार देर शाम माओवादियों ने एक मालगाड़ी को अपना निशाना बनाया है। झिरका-बासनपुर के जंगल में एक मालगाड़ी को रुकवाकर उसमें बैनर बांध दिया। लोको पायलट से वॉकी-टॉकी भी लूट लिया है। हालांकि, रेलवे के किसी भी कर्मचारी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। मामला भांसी थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक, करीब 20 से 30 की संख्या में पहुंचे माओवादियों ने वारदात को अंजाम दिया है। बताया जा रहा है कि देर शाम लाल बैनर लेकर माओवादी किरंदुल-विशाखापट्टनम रेलवे लाइन में ट्रैक के बीच खड़े थे। वहीं जब ट्रेन आई तो माओवादियों ने ट्रेन को रुकवाया।

माओवादियों को देख पायलेट ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया। हालांकि, संवेदनशील इलाका होने की वजह से ट्रेन की रफ्तार पहले से ही कम थी। ट्रेन को रुकवाने के बाद माओवादियों ने लोको पायलट समेत अन्य कर्मचारियों को नीचे उतारा। उनसे उनका वॉकी-टॉकी लूट लिया। मालगाड़ी के एक डिब्बे में बैनर भी बांधे। वारदात को अंजाम देने के कुछ देर बाद माओवादी जंगल की तरफ चले गए। जिसके बाद ट्रेन को वहां से रवाना किया गया। इधर, कर्मचारियों ने इस वारदात की जानकारी फौरन रेलवे के उच्चाधिकारियों को दी। पुलिस को इसकी खबर मिलते ही इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।

पैसेंजर ट्रेनों को नहीं है जाने की अनुमति दरअसल, इस रुट पर नक्सल दहशत की वजह से किरंदुल-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों को पिछले कुछ दिनों से दंतेवाड़ा स्टेशन में ही रोका जा रहा है। दंतेवाड़ा से आगे किरंदुल नहीं जाने दिया जा रहा है। क्योंकि, बासनपुर-झिरका के बीच का इलाका बेहद संवेदनशील है। रेलवे को अंदेशा था कि माओवादी कुछ घटना को अंजाम दे सकते हैं। हालांकि, मालगाडिय़ों की आवाजाही बरकरार थी।

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