बांस से तैयार होनेवाली वस्तुओं को राष्ट्रीय स्तर पर मिल रहा बाजार

संपूर्ण बांबू केंद्र को भेंट देकर कुलगुरु ने ली जानकारी बांस से तैयार होनेवाली वस्तुओं को राष्ट्रीय स्तर पर मिल रहा बाजार

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-07 09:52 GMT
बांस से तैयार होनेवाली वस्तुओं को राष्ट्रीय स्तर पर मिल रहा बाजार

डिजिटल डेस्क, अमरावती। संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. दिलीप मालखेडे ने हाल ही में मेलघाट के धारणी और बहुल गांवों में भेंट देकर विद्यार्थियों से संवाद किया। नई राष्ट्रीय शैक्षणिक नीति विद्यार्थियों ंतक पहंुचे और इसका लाभ विद्यार्थियों को मिलने का आह्वान राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा किया गया है। इस आह्वान के बाद अमरावती विद्यापीठ उस दिशा में कदम उठा रही है और कौशल पर आधारित अभ्यासक्रम संलग्नित महाविद्यालयों में शुरू कर रही है। कौशल पर आधारित विद्यार्थियों को रोजगार मिले इस मकसद से विविध योजनाएं तैयार की जा रही हैं। इसी के तहत कुलगुरु ने मेलघाट के लवादा के संपूर्ण बांबू केंद्र भेंट देकर वहां का जायजा किया और उपरोक्त वक्तव्य किया। इस अवसर पर केंद्र की अध्यक्ष डॉ. निरुपमा देशपांडे मौजूद थी। सीबीसीएस अभ्यासक्रम प्रणाली विद्यापीठ ने लागू की है। इसके मुताबिक नए अभ्यासक्रम इस शैक्षणिक सत्र से लागू हुए हंै। 

योजना के भाग के रूप में विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. दिलीप मालखेडे ने लवादा के संपूर्ण बांबू केंद्र को भेंट देकर वहां की विस्तृत जानकारी ली। भेंट के दौरान बांस से बनाई गई विभिन्न वस्तुओं काे इस्तेमाल करने के कौशल काे आत्मसात करने और रोजगारक्षम होने का आह्वान इस अवसर पर कुलगुरु ने किया।  कार्यालय टी टेबल, कुर्सी, सोफा सेट आदि बाबत प्रात्याक्षिक रुप से जानकारी ली। बांस से तैयार होनेवाली वस्तुओं काे इस्तेमाल करने के कौशल काे आत्मसात करने और रोजगारक्षम होने का आह्वान इस अवसर पर कुलगुरु ने किया। 

ज्ञानपीठ गांव को दी भेंट
संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. दिलीप मालखेडे ने बोरी, हरिसाल के ग्राम ज्ञानपीठ भी भेंट दी। यहां बांस से निर्माण किए गए बड़े मकानों का जायजा किया। इसके अलावा रासेयो द्वारा जिलास्तरीय निवासी शिविर आयोजित किए गए। लगभग 250 रासेयो विद्यार्थियों ने 10 गांवों में श्रमदान कार्य में सहभाग लिया। 40 सोकपीट की निर्मिती की गई और 4 बड़े बांध निर्माण किए गए। कुलगुरु ने इन कार्यों की सराहना की। अमरावती विद्यापीठ में शुरू बांस हस्तकला व कला केंद्र व संपूर्ण बांबू केंद्र लवादा के बीच समन्वय करार किया जाएगा और इसका अधिक से अधिक लाभ विद्यार्थियों काे दिया जाएगा। ऐसा डॉ. मालखेडे ने कहा। रासेयो द्वारा किए गए कार्यां की जानकारी संचालक डॉ. राजेश बुरंगे ने दी। इस अवसर पर सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ की रसायनशास्त्र विभाग की प्राध्यापक डॉ. दीपाली मालखेडे उपस्थित थी। इसके अलावा डॉ. नीलेश कडू, डॉ. प्रमोद गारोडे, डॉ. गजानन ठाकरे, डॉ. विकास देशमुख, डॉ. अहमद खान भी उपस्थित थे। 

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