भाजपा हुई डिजिटल, कांग्रेस ने बनाया वार रूम और बसपा अपने कैडर के भरोसे
भाजपा हुई डिजिटल, कांग्रेस ने बनाया वार रूम और बसपा अपने कैडर के भरोसे
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर-रामटेक लोकसभा चुनाव के लिए 11 अप्रैल को मतदान होगा। इस अनुसार, प्रचार के लिए अंतिम तिथि 9 अप्रैल है। इसके पहले दो दिनों में सभी पार्टियों ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, इसके लिए अलग-अलग हथकंडे अपनाए। बड़ी रैलियां या सभाओं की बजाए उम्मीदवारों ने बाइक रैली और पदयात्राओं का सहारा लिया। दोपहर तक लगभग यही नजारा ज्यादातर इलाकों में नजर आया। कहीं उम्मीदवार खुद मौजूद थे, तो कहीं पार्टी का कोई बड़ा चेहरा। शाम को छोटी-छोटी सभाओं के जरिए मतदाताओं से वोट के लिए आह्वान करते देखा गया।
आधुनिक हो गया प्रचार
गुजरे जमाने में ऑटो या रिक्शा में पार्टी का प्रतिनिधि एक माइक लेकर गलियों में घूम-घूमकर मतदाताओं से वोट की अपील करता था। अब आधुनिकता की चादर ओढ़े यह मतदाताओं को आकर्षित कर रहा है। एलईडी गाड़ियां, ई-रिक्शॉ और टाटा-एस जैसे वाहनों पर उम्मीदवारों का प्रचार किया जाता रहा।
भाजपा सबसे अधिक हाईटेक
कुछ दल अभी भी पुराने के साथ नए तरीकों का तालमेल बैठाने में लगे रहे। भाजपा की बात करें तो उसने अपने तौर-तरीकों में तेजी से बदलाव किया है। साधन-संपत्ति से समृद्धि इस पार्टी ने चुनाव प्रचार अभियान में सबको पीछे छोड़ा है। हाईटेक चुनाव कार्यालय से लेकर डिजिटल रथ सहित मतदाताओं को आकर्षित करने वाले पोस्टर, होर्डिंग, टोपी, बिल्ले प्रचार अभियान में देखे जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर उम्मीदवार का प्रचार और विरोधियों को एनकाउंटर करने के लिए एक बड़ी फौज भी उतार रखी है। पार्टी ने इस बार पथनाट्य और नुक्कड़ नाटकों के जरिए भी मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने की पहल की है। इसके बावजूद पार्टी का विश्वास समाज, संगठनों की छोटी-छोटी बैठकों पर ज्यादा है। सुबह से यह कारवां शुरू होता है। जिसमें विभिन्न संगठन, समाज, मोर्चे, आघाड़ी के साथ बैठक कर उनका समर्थन हासिल किया जा रहा है। इसके बीच समय निकालकर हर दिन नई जगह रोड-शो किया जा रहा है, ताकि कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा सके।
"एनकाउंटर" के लिए कांग्रेस का ‘वार रूम’
कांग्रेस भी पीछे नहीं है। उसने भी सोशल मीडिया के लिए एक वार रूम तैयार किया है। यह रोजाना के कार्यक्रमों की जानकारी अपने मतदाताओं तक पहुंचाती है। प्रतिपक्ष को एनकाउंटर करने के लिए अलग से मैसेज तैयार किए जाते हैं। अन्य की तरह यह भी आधुनिक वाहनों का इस्तेमाल कर अपना प्रचार करने में जुटी है, लेकिन सर्वाधिक जोर पदयात्रा पर है। सुबह से दोपहर तक पदयात्राओं पर जोर रहता था। इसके बाद प्रभाग स्तरों पर छोटी-छोटी बैठकें लेकर लोगों को विश्वास दिया जाता है। बैठकों के बाद फिर घर-घर जाकर पत्रक बांटकर अपनी बात बताई जाती है। शाम को जन सभाओं का आयोजन कर आह्वान किया जाता है।
बसपा को कैडर पर भरोसा
बसपा अभी भी सोशल मीडिया पर अधिक सक्रिय नहीं है। उसने इसके लिए कोई अलग से टीम नहीं बनाई है। वह अपने कैडर के भरोसे सोशल मीडिया संभाल रही है। उसके कैडर ही सोशल मीडिया के माध्यम से अलग-अलग संदेश बनाकर मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं। उसका जोर पदयात्रा, बाइक रैली और छोटी-छोटी बैठकों पर है। । अन्य छोटी-बड़ी पार्टियां भी अपने-अपने स्तरों पर चुनाव प्रचार में लगी हैं।