जिलाधिकारी के आग्रह पर सांसद धानोरकर का आंदोलन स्थगित
मांग पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन जिलाधिकारी के आग्रह पर सांसद धानोरकर का आंदोलन स्थगित
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। ताडाली स्थित धारीवाल पॉवर प्लांट कंपनी के खिलाफ विविध प्रश्नों पर कई महीनों से क्रियान्वयन शुरू है किंतु न्याय नहीं मिलने से आंदोलन की भूमिका लेनी पड़ी। जिलाधिकारी के आग्रह पर आंदोलन को 21 दिसंबर तक स्थगित किया जा रहा है। यदि किसानों की समस्या हल नहीं की गई तो, कंपनी के खिलाफ तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी सांसद बालू धानोरकर ने दी। वर्धा नदी पर धानोरा - वढा में नदी के बीच में इंटेक वेल निर्माण कर उसके माध्यम से नदी से किसानों के हिस्से का पानी कंपनी छीन रही है। जहां पानी कां भंडारण किया जा रहा है, वहां बड़े पैमाने पर कंपनी के वॉटर स्टोरेज के लीकेज से 300 एकड़ खेती दलदलयुक्त हुई है। परिसर के किसानों की खेती तबाह हुई है।
सांसद बालू धानोरकर ने तहसीलदार नीलेश गौड, जलापूर्ति विभाग के अधिकारी, धारीवाल कंपनी के अधिकारी, उपविभागीय पुलिस अधिकारी सुधीर नंदनवार, पुलिस निरीक्षक घुग्घुस, पडोली, ने किसानों के खेतों में भंेट देकर धारीवाल कंपनी अधिकारी गांगुली व मुखर्जी से चर्चा की। किसानों को तत्काल मुआवजा देने जिलाधिकारी कार्यालय में बैठक ली। इस अवसर पर सांसद धानोरकर ने कहा कि कंपनी लाेगों को गुमराह कर रही है। सोनेगांव स्थित धारीवाल कंपनी के पानी बफर स्ट्रॉक से 28 से अधिक किसानों की 300 एकड़ खेतों में दलदल बना है। कंपनी ने नदी में 9 पंपों की सहायता से पानी का प्रवाह बदल दिया। रेडीयल वेल से कंपनी तक पानी पहुंचाने 16 किमी जलापूर्ति पाइप-लाइन बिछाई गई, जिससे किसानों का नुकसान हो रहा है। इन सभी मुद्दों को लेकर सांसद बालू धानोरकर ने मंगलवार को प्रत्यक्ष भेंट दी। कपनी बंद करने की घोषणा सांसद धानोरकर ने की थी किंतु जिलाधकारी विनय गौडा के आग्रह पर आंदोलन पीछे लिया गया। 21 दिसंबर तक किसानों को तत्काल मुआवजा देने के निर्देश जिलाधिकारी ने कंपनी प्रबंधन को दिया।