मोहगांव ग्रामसभा ने शुरू की राज्य की पहली गोंडी बोली की पाठशाला
गड़चिरोली मोहगांव ग्रामसभा ने शुरू की राज्य की पहली गोंडी बोली की पाठशाला
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। वर्तमान में शिक्षा विभाग ने गांव-गांव में पाठशालाएं आरंभ कर बच्चों को मुफ्त शिक्षा दिलाने की योजना चलायी है। बच्चों को नि:शुल्क पोषाहार के साथ विभिन्न तरह की सुविधाएं इन स्कूलों के माध्यम से दी जा रहीं हंै। वहीं आदिवासी संस्कृति का जतन करने और बच्चों को आदिवासियों की रीति-रिवाजों की जानकारी दिलाने के लिए धानोरा तहसील की मोहगांव ग्रामसभा ने एक अनोखा प्रयास शुरू किया है। पंद्रह गांवों के नागरिकों ने एकजुटता दिखाते हुए मोहगांव में पारंपरिक कोया ज्ञानबोध संस्कार गोटुल नामक गोंडी बोली की राज्य की पहली पाठशाला शुरू की है। इस पाठशाला के माध्यम से ग्रामसभा के तहत आने वाले पंद्रह गांवों के बच्चों को आदिवासी संस्कृति का पाठ पढ़ाया जा रहा है। इस पाठशाला के लिए ग्रामसभा ने उच्च शिक्षित 4 शिक्षकों समेत एक प्रधानाध्यापक को भी नियुक्त किया है। वर्तमान में यह शाला जिले की सभी ग्रामसभाओं के लिए अादर्श साबित हो रही है। बता दें कि, माेहगांव ग्रामसभा को सामूहिक वन हक के अधिकार प्राप्त हंै।
हैदराबाद से नौकरी छोड़ परिवार के साथ मोहगांव पहुंचा राजेंद्र
मध्यप्रदेश के विदिशा से बी. ई. (इंजीनियरिंग) की शिक्षा ग्रहण कर हैदराबाद की एक बड़ी कंपनी में हजारों रुपए की नौकरी करने वाले राजेंद्र बोसम मोहगांव ग्रामसभा की गोंडी बोली शाला की संकल्पना से प्रेरित होकर अपनी पत्नी व बिटियां के साथ यहां बस गये है। उन्होंने दैनिक भास्कर को बताया कि, आदिवासी संस्कृति को बचाने ग्रामसभा द्वारा किया जा रहा यह प्रयास उल्लेखनीय है। इस तरह का कार्य करने की उनकी भी जिज्ञासा है। हैदराबाद में उन्हें बड़ी तनख्वाह मिलती थी। मात्र यहां कम मानधन में भी इस तरह का कार्य कर उन्हें सुकून मिल रहा है। उनकी बिटियां अब छोटी हैं, लेकिन वे अपनी बिटियां को इसी स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं।
एकजुटता से ही साकार हुई संकल्पना
^गांव में गोंडी बोली स्कूल आरंभ करने के लिए सभी पंद्रह गांवों के नागरिकों को आमंत्रित किया गया। जब लोगों से सहमति मिली और उन्होंने एकजुटता दिखायी तब इस तरह की स्कूल आरंभ की गयी। स्कूल के संदर्भ में किसी भी तरह का निर्णय ग्रामीणों की सहमति से ही लिया जाता है। लोगों में एकजुटता है तो कोई भी कार्य आसानी से किया जा सकता है। देवसाय आतला, महाग्रामसभा अध्यक्ष, मोहगांव