कांग्रेस-भाजपा मैदानी ढांचे के विस्तार में जुटीं, 5-5 संगठन जिले बढ़ाने के साथ नई नियुक्तियों पर भी जोर
मिशन 2023 कांग्रेस-भाजपा मैदानी ढांचे के विस्तार में जुटीं, 5-5 संगठन जिले बढ़ाने के साथ नई नियुक्तियों पर भी जोर
भास्कर ब्यूरो, रायपुर। 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद राज्य में बने 6 नये जिलों 6े दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों को अपने मैदानी ढांचे में बदलाव करने मजबूर कर दिया है। कांग्रेस तथा भाजपा 5-5 नये संगठन जिले बनाने के साथ नई नियुक्तियों के मिशन में भी जुट गई हैं। फिलहाल भाजपा इस मामले में आगे है। प्रशासनिक जिले के अनुसार संगठन विस्तार करते हुए भाजपा ने 5 नए संगठन जिलों की की घोषणा की है। इन जिलों के लिए जिलाध्यक्ष के नाम भी तय कर दिए हैं।
भाजपा में अब 35 संगठन जिले हो गए हैं। कांग्रेस भी 5 नये संगठन जिले बनाएगी, इसके साथ उसके कुल संगठन जिलों की संख्या 40 हो जाएगी। गौरतलब है कि प्रशासनिक स्तर पर अभी प्रदेश में 33 जिले हैं। भूपेश सरकार ने पिछले 4 साल में 6 नए जिले बनाए हैं। सूत्रों के मुताबिक, नए जिलों के अनुसार ही अब मंडल और बूथ स्तर पर भी संगठन जिलों के कार्यक्षेत्र में बदलाव होगा।
कांग्रेस में इस बार मंडल स्तर पर भी संगठन खड़ा करने की तैयारी है। बताया जाता है कि कांग्रेस में जिला, ब्लॉक, मंडल और बूथ स्तर पर कार्यकारिणी बनेगी। दूसरी तरफ भाजपा में जिला, मंडल, शक्ति केंद्र और बूथ स्तर पर कार्यकारिणी होगी।
भाजपा में बदलाव की बयार तेज
कांग्रेस की अपेक्षा भाजपा में बदलाव बहुत तेजी से और व्यापक पैमाने पर हो रहा है। मिशन-2023 फतह करने भाजपा नई रणनीति और नये चेहरों को आगे रख कर चलने का मानस बना चुकी है। भाजपा में तीन महीने भीतर ही प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष बदले जाने के साथ और प्रदेश कार्यकारिणी में भी बदलाव किया जा चुका है। प्रदेश प्रभारी भी बदले जा चुके हैं। हाल ही में आठ जिलों के अध्यक्ष बदले गए हैं।
कांग्रेस में अब शुरू होगा सिलसिला
कांग्रेस में भी ऊपर से नीचे तक बदलाव की सुगबुगाहट है। राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष से लेकर जिले और मंडल तक नई कार्यकारिणी गठित की जानी है। सूत्रों के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष तय होने के बाद जिलों में फेरबदल किया जाएगा।