विधानसभा गेट पर मंत्री को नहीं रोका गया, जांच के लिए तैयार बिहार प्रशासन
मंत्री के वाहन को रोकने का सवाल विधानसभा गेट पर मंत्री को नहीं रोका गया, जांच के लिए तैयार बिहार प्रशासन
- विधानसभा गेट पर मंत्री को टोका
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार के गृह विभाग ने गुरुवार को श्रम मंत्री जिबेश कुमार मिश्रा के उन दावों का खंडन किया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनका गुरुवार को विधानसभा के गेट पर अपमान किया गया था।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह, चैतन्य प्रसाद और डीजीपी एस.के. सिंघल को स्पीकर विजय सिन्हा ने बुलाया जिन्होंने उनसे घटना की गहन जांच करने को कहा है। अधिकारियों ने दावा किया कि नागरिक और पुलिस अधिकारियों को सुगम मार्ग देने के लिए मंत्री के वाहन को रोकने का सवाल ही नहीं उठता। प्रसाद ने कहा कि जब मंत्री बिहार विधानसभा के गेट पर पहुंचे तो कुछ भ्रम हुआ था। यह मुख्यमंत्री के काफिले के कारण उत्पन्न यातायात की भीड़ थी। इसलिए उनका वाहन ट्रैफिक जाम में फंस गया था।
डीजीपी ने कहा कि हमारे आश्वासन के बावजूद अगर मंत्री अभी भी संतुष्ट नहीं हैं तो हम घटना की जांच करेंगे। हम मामले का पता लगाने के लिए घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज को स्कैन करेंगे। मिश्रा ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री, स्पीकर और मंत्रियों के लिए आरक्षित एक ही गेट का इस्तेमाल करने वाले पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी उपेंद्र शर्मा के काफिले को निर्बाध रास्ता देने के लिए उनकी एसयूवी को विधानसभा के गेट पर रोका गया।
उन्होंने दावा किया कि विधानसभा के गेट पर तैनात यातायात कर्मियों के कृत्य ने एक जन प्रतिनिधि को अपमानित किया जो एक कैबिनेट मंत्री भी है। उन्होंने मांग की यह एसएसपी और डीएम के निर्देश पर हुआ है। इसलिए राज्य सरकार को इन दोनों अधिकारियों को निलंबित करना चाहिए। मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री का काफिला पहले ही गेट से गुजर चुका था और डीएम और एसएसपी का काफिला मेरे सामने से गुजरा, सीसीटीवी में यह सब दिख सकता है।
(आईएएनएस)