बाढ़ से निपटने में काम आया मंत्री कुशवाह का अनुभव, सेवा और समर्पण भाव से पीड़ितों का किया सहयोग, हर संभव राहत का दिया भरोसा
मध्यप्रदेश बाढ़ से निपटने में काम आया मंत्री कुशवाह का अनुभव, सेवा और समर्पण भाव से पीड़ितों का किया सहयोग, हर संभव राहत का दिया भरोसा
- जनहानि से बचाया
डिजिटल डेस्क, मुरैना, आनंद जोनवार। बीते दिनों राजस्थान और मध्यप्रदेश में हुई अधिक बारिश से चंबल नदी उफान पर आ गई थी, जिससे श्योपुर, मुरैना और भिंड जिले में बाढ़ का कहर आ गया। कोटा बैराज से पानी छोड़ने के बाद ये स्थिति और अधिक भयावह हो गई। तीनों जिलों के चंबल किनारे बसे सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए थे। घरों में पानी भर गया और लोग छत पर उम्मीद की एक आस लगाकर बैठे थे। ऐसे में काम आया एक अनुभव।
चंबल नदी में जल स्तर बढ़ने से मुरैना और श्योपुर जिले के करीब सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। बीते अगस्त माह में भी श्योपुर के कुछ गांव में बाढ़ जैसे हालत बने थे। जिसकी भयावहता का मंजर इस साल की अपेक्षा कम था। फिर भी जिले के प्रभारी मंत्री भरत सिंह कुशवाह ने उन इलाकों का दौरा कर निरीक्षण किया। मंत्री कुशवाह ने सैकड़ों गांवों का दौरा कर उन कारणों और परिस्थितियों को जाना जिनकी वजह से इलाके में बाढ़ जैसे हालात पैदा होते है। इस दौरान मंत्री कुशवाह ने आवदा बांध के साथ कई डैम का निरीक्षण किया। उद्यानिकी मंत्री ने बाढ़ के कारणों और उनके निराकरणों का खाका तैयार किया। इसकी पुष्टि इस बात से कर सकते है कि जब इस साल की बाढ़ आई तो मुरैना और श्योपुर के प्रभारी मंत्री ने बिना लेटलतीफे के बाढ़ के हालातों पर तुरंत काम किया और अधिक जनहानि होने से पूरे इलाके को बचाया।
मंत्री ने तुरंत सहायता पहुंचाने के लिए शासन से तत्काल हेलिकॉप्टर की मांग की, राज्य सरकार ने भी बिना देरी किए हुए भोपाल से चंबल संभाग को हेलिकॉप्टर उपलब्ध करवाया। इस हेलिकॉप्टर का भरपूर उपयोग कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने ग्रामीणों को रेस्क्यू के माध्यम से बाढ़ से निकालने में किया। दोनों जिले के प्रभारी मंत्री भरत सिंह कुशवाह ने बाढ़ की भयावहता को देखते हुए जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए सबसे पहले सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान को सूचना दी। मुख्यमंत्री ने भी बिना देरी किये हुए जिले के प्रभारी मंत्री के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का हेलिकोप्टर से दौरा किया। साथ ही सीएम ने प्रभारी मंत्री को जल्द से जल्द मुआवना कर रिपोर्ट तैयार करवाने को कहा ताकि समय पर मुआवजा मिल सकें। सूबे के मुखिया चौहान ने जिले के प्रभारी मंत्री को नीचे इलाकों में रहने वाले परिवारों को सहमति के आधार पर ऊंचे स्थानों पर बसाने का जिम्मा सौंपा ।
कलेक्टर बी.कार्तिकेयन और पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी ने अपने कर्तव्य निर्वहन में कोई कसर नहीं छोड़ी। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने कुशल प्रबंधन की व्यवस्था कर अधिक नुकसान होने से बचाया। मैदानी इलाकों में तैनात एनडीआरएफ की टीम ने नाव, मोटरवोट और हेलिकॉप्टर से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
प्रभारी मंत्री ने बाढ़ से प्रभावित दर्जनभर गांवों का भ्रमण कर पीड़ित लोगों से मुलाकात की और उनका हाल चाल जाना। जिले का मुखिया होने के नाते मंत्री ने बाढ़ के कहर से परेशान लोगों को सहयोग करने का पूरा आश्वासन दिया। मंत्री कुशवाह ने रेस्क्यू कार्य में और अधिक तेजी लाने के लिए समय समय पर प्रशासनिक अमले को निर्देश दिए , और रेस्क्यू कार्यों का अवलोकन भी किया। उन्होंने एहतियात कदम उठाने के साथ साथ हालातों को देखते हुए जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ साथ सहयोगी एनडीआरएफ की सुरक्षा टीमों से लोगों को निकालने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू करने, सेवा और सहयोग करने की अपील की। प्रभारी मंत्री के निर्देश पर प्रशासनिक अधिकारियों ने सुरक्षा टीमों के सहयोग से बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने, उनके खाने और कैम्पों में ठहरने के जरूरी बंदोबस्त किए। मंत्री कुशवाह पल पल की अपडेट अधिकारियों से ले रहे थे।
उद्यानिकी मंत्री ने राहत शिविरों में पहुंचकर बाढ़ प्रभावित लोगों से ठहरने, भोजन, दवाईयों के साथ अन्य सहयोगी सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली। जहां सुविधाओं में कमी दिखी वहां अधिकारियों को तत्काल उपलब्ध कराने को कहा। प्रभारी मंत्री के मार्गदर्शन में बाढ़ पीड़ितों को समय पर भोजन, पीने का पानी, ठहरने के लिए उचित स्थान और अन्य सामग्री प्रोवाइड होती रही। हालांकि अभी भी बाढ़ का प्रभाव बना हुआ है, लेकिन स्थिति के सामान्य होने तक प्रभारी मंत्री अधिकारियों के निरंतर सम्पर्क में है, और इलाकों का दौरा भी कर रहे।