झारखंड की उप राजधानी दुमका में बनेगा मिनी सचिवालय, सीएम ने विभाग से प्रस्ताव देने को कहा
दुमका को उपराजधानी का दर्जा झारखंड की उप राजधानी दुमका में बनेगा मिनी सचिवालय, सीएम ने विभाग से प्रस्ताव देने को कहा
- झारखंड की उप राजधानी दुमका में बनेगा मिनी सचिवालय
- सीएम ने विभाग से प्रस्ताव देने को कहा
डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड राज्य की स्थापना के साथ ही दुमका को राज्य की उपराजधानी का दर्जा दिया गया था, लेकिन 20 सालों के बाद भी यहां इससे जुड़ी संरचनाएं उपलब्ध नहीं करायी जा सकीं। अब झारखंड सरकार ने यहां मिनी सचिवालय बनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भवन निर्माण विभाग को मिनी सचिवालय के निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाने का निर्देश गया है। दुमका के विधायक बसंत सोरेन की अगुवाई में दो दिन पहले विधायकों के एक दल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस संबंध में एक ज्ञापन भी सौंपा था।
दुमका में मुख्यमंत्री का कैंप कार्यालय है। अब इसे मिनी सचिवालय के रूप में विकसित करने की योजना है। दुमका राज्य की राजधानी रांची से लगभग 300 किलोमीटर दूर है। यह राज्य की संथाल परगना कमिश्नरी का मुख्यालय है। इसे उपराजधानी बनाये जाने के पीछे का उद्देश्य यह था कि संथाल परगना कमिश्नरी के अंतर्गत आनेवाले जिलों के लोगों को राज्यस्तरीय कार्यालयों से जुड़े कार्य के लिए लंबी यात्रा न करनी पड़े, लेकिन अब तक यहां जरूरी आधारभूत संरचनाएं विकसित नहीं हो पायी हैं।
दुमका में स्वास्थ्य, शिक्षा, न्यायालय और अन्य क्षेत्रों से जुड़ी आवश्यक संरचनाओं के विकास की मांग लंबे समय से होती रही है। राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने यहां मेडिकल कॉलेज की स्थापना की है, जिसे एमसीआई ने भी मान्यता प्रदान कर दी है। शिक्षा की बात करें तो 1992 में यहां सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय की स्थापना हुई, लेकिन यहां आज भी प्रोफेसरों, कर्मियों और अन्य सुविधाओं की काफी कमी है। दुमका में झारखंड हाईकोर्ट के बेंच की स्थापना की मांग भी लंबे अरसे से हो रही है। माना जा रहा है कि यहां मिनी सचिवालय की स्थापना के बाद अन्य चिरलंबित मांगों को पूरा करने की दिशा में भी आवश्यक कदम उठाये जायेंगे।
आईएएनएस