लाखों के कामों का बिना निरीक्षण किया जा रहा भुगतान
नागपुर मनपा में सब गोलमाल लाखों के कामों का बिना निरीक्षण किया जा रहा भुगतान
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगरपालिका प्रशासन लंबे समय से आर्थिक तंगी को लेकर विकास कामों की अनदेखी कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर लोकनिर्माण विभाग में ठेकेदार और पदाधिकारियों की मिलीभगत से लाखों के कामों का बगैर निरीक्षण भुगतान किया जा रहा है। स्थिति यह है कि पुरानी प्रशासकीय इमारत, नई इमारत और आयुक्त बंगले के छोटे-मोटे देखभाल के कामों में पिछले पांच सालों में करोड़ों रुपए खर्च हो गए हैं। इस रकम से तीनों इमारतों का नए सिरे से निर्माणकार्य किया जा सकता था, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी से बगैर कोई प्रक्रिया के बिलों का भुगतान हो रहा है।
अधिकारियों को जानकारी नहीं
मामला पुरानी इमारत के परिवहन विभाग का है। दो साल पहले छत में पीओपी लगाने के साथ ही पूरे विभाग का जीर्णोद्धार किया गया। हैरानी यह कि लोकनिर्माण विभाग और परिवहन विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं। परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक दुरुस्ती के लिए कोई भी प्रस्ताव अथवा फंड नहीं दिया गया है। हालांकि ठेका एजेंसी को बगैर कोई प्रक्रिया के 25 लाख रुपए के बिल का भुगतान हो चुका है, लेकिन इस भुगतान के बारे में भी लोकनिर्माण विभाग के पास दस्तावेज नहीं है। इसकी वजह यह है कि ठेकेदार को बिलों का भुगतान होने के बाद फाइल भी विभाग से हटा दी गई है। फाइलों के गायब होने को लेकर अधिकारी कोई भी जवाबदेही तय नहीं कर पा रहे हैं। मजदूरों ने लोकनिर्माण विभाग के तत्कालीन अभियंता राकेश झाड़े के निर्देश पर काम आरंभ होने की जानकारी दी। दोनों विभागों के अधिकारियों की लापरवाही को लेकर आला अधिकारियों को जानकारी मिलने पर तत्काल फाइल की खोज करने का निर्देश दिया गया है। हैरानी यह है कि इस फाइल को लोकनिर्माण विभाग में तैयार करने के बाद निधि का प्रावधान कर वित्त विभाग में भुगतान के लिए भी भेजा गया। वित्त विभाग से भुगतान होने के बाद ठेकेदार ने फाइल गायब कर दी ।
ठेकेदार और कर्मचारियों की मिलीभगत
महानगरपालिका के कामों में लगातार अनियमितता की शिकायत को लेकर अनेक मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे में तत्कालीन आयुक्त की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने साल 2001 में नंदलाल समिति का गठन किया था। इस समिति ने साल 1997 से 2000 के बीच निर्माणकार्य, दुरुस्ती समेत अनेक कामों की जांच की। जांच के दौरान 102 नगरसेवकों और 50 अभियंताओं को अनियमितता के आरोप लगाए थे। इतना ही नहीं 50 अभियंताओं से 8 करोड़ की निधि को वसूल करने की भी अनुशंसा हुई थी। समिति ने महापौर फंड और आपातकालीन फंड के दुरुपयोग को लेकर भी आक्षेप जताया था। हालांकि मनपा प्रशासन ने नंदलाल समिति की सिफारिश को लागू कर कार्रवाई करने को लेकर कोई भी पहल नहीं की है। यहीं नहीं आक्षेप के बाद भी अनियमितताओं का दौर लोकनिर्माण विभाग में बदस्तूर चल रहा है। कई ठेकेदार अब भी पदाधिकारियों के साथ सांठगांठ कर मनमाने ढंग से फाइल तैयार कर एक ही काम के कई बार बिल उठा रहे है। लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी बगैर प्रत्यक्ष जांच के अथवा कामों की गणना (एमबी बुक) बिल का भुगतान कर रहे हैं।
6 करोड़ की फाइलें गायब : महानगरपालिका प्रशासन में लोकनिर्माण विभाग ने लंबे समय से नंदलाल समिति की रिपोर्ट को अमल में नहीं लाया है, इतना ही नहीं समिति की ओर से पारदर्शिता को लागू करने वाली अनुशंसा की भी अनदेखी कर दी है। समिति की ओर से इमारत दुरूस्ती, देखभाल, सामग्री आपूर्ति और छोटे निर्माणकार्य में टेंडर और ई टेंडर प्रक्रिया को लागू करने का निर्देश दिया गया है। नियमानुसार 3 लाख से कम के कामों में टेंडर प्रक्रिया और 3 लाख से अधिक के कार्यो में ई-टेंडर अनिवार्य होता है, लेकिन 50,000 से कम के कामों में कोटेशन के आधार पर कामों को पूरा किया जाता है। पिछले पांच सालों में पुरानी जर्जर इमारत में पदाधिकारियों के केबिन में नल दुरुस्ती, रंगरोगन, नेमप्लेट, छतों की सिलिंग लगाने से के कामों को कई हिस्सों में विभाजित कर कोटेशन पर पूरा किया गया है। इन कामों को पूरा कर संबंधित विभाग के अभियंता की सहायता से बिलों का भुगतान भी किया गया, लेकिन बिल का भुगतान होते ही फाइलों को विभाग से गायब भी कर दिया गया है। पिछले पांच साल में करीब 6 करोड़ की दुरुस्ती के कामों के भुगतान के बाद भी फाइलें विभागों में मौजूद नहीं है।
हमें जानकारी नहीं
नई इमारत में शिफ्ट होने के बाद पुरानी इमारत में पर्याप्त जगह मौजूद है। परिवहन विभाग में दुरुस्ती के लिए कोई भी प्रस्ताव अथवा फंड नहीं दिया है। लोकनिर्माण विभाग के निर्देश पर दुरुस्ती करने की जानकारी मजदूरों ने दी थी। इस काम के भुगतान के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। हमारे विभाग से कोई भी संबंध नहीं है। - रवीन्द्र पागे, प्रभारी प्रबंधक, परिवहन विभाग, मनपा
विभाग में फाइल नहीं
नई इमारत और पुरानी इमारत की देखभाल की जिम्मेदारी कनिष्ठ अभियंता के पास होती है। दो साल पहले परिवहन विभाग में हुए कामों को लेकर कोई फाइल नहीं है। ऐसे में तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता राकेश झाड़े से जानकारी लेंगे।
कमलेश चव्हाण, उप अभियंता, लोकनिर्माण विभाग, मनपा