मास्टरमाइंड श्वेता का पति भी पकड़ाया

अमरावती मास्टरमाइंड श्वेता का पति भी पकड़ाया

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-30 10:14 GMT
मास्टरमाइंड श्वेता का पति भी पकड़ाया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में बच्चा बिक्री प्रकरण का नेटवर्क गुजरात तक फैला हुआ है। इस प्रकरण में शहर के एक डॉक्टर सहित दो और आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी डाॅ. प्रवीण रतनसिंग बैस (39),  प्लाॅट नं.-4, न्यू बीड़ीपेठ, संताेषी माता नगर, नागपुर और मकबूल खान अहमद खान (43), आमोली गांव, लालबर्रा, बालाघाट, म.प्र. निवासी है। डॉ़. बैस को वर्धा से गिरफ्तार किया गया। डॉ. बैस की पत्नी भी डॉक्टर है। आरोपी मकबूल खान बच्चा बिक्री प्रकरण की मास्टरमाइंड श्वेता उर्फ आएशा खान का पति है। वह नागपुर में श्वेता की जमानत के जुगाड़ में आने पर पकड़ा गया। उसे आकाशवाणी चौक के पास मानव तस्करी विरोधी दस्ते की पुलिस निरीक्षक रेखा संकपाल व सहयोगियों ने दबोचा। आरोपी डॉ. बैस को हुड़केश्वर पुलिस और मकबूल खान को अंबाझरी पुलिस के हवाले कर दिया गया है। 

कई पैडलर पाल रखे थे : श्वेता के दोस्त डॉक्टर बैस और पति की गिरफ्तारी से अब उसके और कुछ काले कारनामे बाहर आने की उम्मीद की जा रही है। बच्चा बिक्री प्रकरण में श्वेता ने कई पैडलर पाल रखे थे, जो जरूरतमंदों की तलाश करते थे। ये पैडलर कमीशन पर काम करते थे।  गिरोह की मुखिया श्वेता सहित अन्य आरोपियों पर शहर के कोतवाली, सीताबर्डी, हुड़केश्वर, कलमना और अंबाझरी थाने में प्रकरण दर्ज हो चुका है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने में सहायक पुलिस  निरीक्षक गजानन चांभारे,  हवलदार ज्ञानेश्वर ढाेके,   मनीष पराये, राजेन्द्र अटकले, नायब पुलिस सुनिल वाकड़े,   महिला सिपाही पल्लवी वंजारी ने सहयोग किया। 

बारहवीं पास श्वेता खान ने ऐसे फैलाया नेटवर्क : पुलिस के अनुसार श्वेता खान 12वीं पास करने के बाद नर्सिंग कोर्स किया। नागपुर में वह करीब 17 साल तक काम करती रही। वह गायनिक मरीजों की देख-रेख करती थी। वह जानती थी कि, ऐसे मरीज को कैसे हैंडल किया जाता है। श्वेता पर जब बच्चा बिक्री का पहला मामला कोतवाली थाने में दर्ज हुआ, तब वह फरार होकर अपने गांव चली गई।  लालबर्रा में उसके पति मकबूल का काफी बोलबाला था। श्वेता अपने गांव में नागपुर क्लिनिक नाम से दवाखाना शुरू किया। वह भोले-भाले गांववालों को बताती थी कि, वह नागपुर में डॉक्टर थी। उसका काला चिट्ठा तब सामने आया, जब उस पर पहला मामला दर्ज हुआ। 

ऐसे संपर्क में आया डॉक्टर : गिरफ्तार कर नागपुर लाने के बाद  उसके काले कारनामे उजागर होने लगे। नागपुर में काम के दौरान श्वेता की डॉ. बैस जैसे कई लोगों से दोस्ती हो गई और दोस्ती की आड़ में उसने बच्चा बिक्री गिरोह तैयार कर लिया। डॉ. बैस वर्ष 2015 में श्वेता के संपर्क में आया। उसके बाद वह भी श्वेता के करीबी दोस्तों में शामिल हो गया। इसकी गिरफ्तारी के बाद वे सब भूमिगत हो गए हैं।  
 

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