मनपा ने आर्थिक संकट से निकालने सरकार से लगाई गुहार,  385.77 करोड़ की जरूरत

मनपा ने आर्थिक संकट से निकालने सरकार से लगाई गुहार,  385.77 करोड़ की जरूरत

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-09 08:07 GMT
मनपा ने आर्थिक संकट से निकालने सरकार से लगाई गुहार,  385.77 करोड़ की जरूरत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पहले से आर्थिक संकटों का रोना रो रही नागपुर महानगरपालिका की स्थिति कोरोना वायरस ने और खराब कर दी है। आर्थिक लक्ष्य पूरा करने के समय (मार्च) अचानक कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी। लॉकडाउन घोषित हो गया। ऐसे में आर्थिक लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया। अब पाई-पाई जोड़ने में जुटी मनपा ने वित्त नियोजन करने और आर्थिक स्थिति पटरी पर लाने के लिए  हिसाब लगाना शुरू कर दिया है। पुराना बकाया सहित सभी कागजात खंगाले जा रहे हैं।

कोशिश है कि कहां से कितना पैसा मिल सकता है। सरकार पर शासन निधि और जीएसटी अनुदान का 385.77 करोड़ रुपए बकाया होने का खुलासा हुआ है। बही-खातों में बंद हिसाब सामने आने के बाद मनपा स्थायी समिति सभापति विजय (पिंटू) झलके ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र भेजकर मनपा को सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने मुख्यमंत्री से नागपुर मनपा का वर्ष 2019-20 में शासन निधि का कुल 299.70 करोड़ रुपए और जीएसटी अनुदान का शेष 86.10 करोड़ रुपए, कुल 385.77 करोड़ रुपए देने के लिए निवेदन किया है।

जून के अंतिम सप्ताह में बजट
आर्थिक परिस्थिति खराब होने के बाद मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे ने शहर के सभी नए काम रोक दिए हैं। जिन कामों के वर्कऑडर हो चुके हैं, लेकिन काम शुरू नहीं हुए, उन पर भी रोक लगा दी है। लॉकडाउन से पहले आयुक्त ने सरकार को इस स्थिति से अवगत भी कराया था, जिसके बाद शिवसेना के चार विधायकों ने विधानसभा में नागपुर मनपा को बर्खास्त करने का प्रस्ताव लाया था। हालांकि यह प्रस्ताव अभी तक चर्चा में नहीं आया है। इसने मनपा सत्तापक्ष भाजपा को संकट की स्थिति में ला दिया है। मनपा स्थायी समिति को अपना बजट भी पेश करना है। हर साल जून के प्रथम सप्ताह में पेश होने वाले स्थायी समिति के बजट में इस बार विलंब हो सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने दावा किया है कि बजट जून के अंतिम सप्ताह या जुलाई के प्रथम सप्ताह में सदन के सामने पेश कर दिया जाएगा।
 

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