हर घर जल पहुंचाने में सुस्ती दिखा रहा महाराष्ट्र!

हर घर जल पहुंचाने में सुस्ती दिखा रहा महाराष्ट्र!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-04 14:39 GMT
हर घर जल पहुंचाने में सुस्ती दिखा रहा महाराष्ट्र!

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ग्रामीण भारत में हर घर जल पहुंचाने वाली योजना ‘जल जीवन मिशन’ के तहत वर्ष 2024 तक लक्ष्य साधने में जुटी है। लेकिन महाराष्ट्र सरकार इस लक्ष्य तक पहुंचने में तेजी नहीं दिखा रही है। केन्द्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में महाराष्ट्र को मिशन के तहत 7064.41 करोड़ रूपये की राशि आवंटित की है, जो वर्ष 2019-2020 में 847.97 करोड़ और वर्ष 2020-21 में 1828.92 करोड़ रूपये के आवंटन से क्रमश: आठ गुना व पौने चार गुना ज्यादा है। लेकिन पर्याप्त बजट के बावजूद महाराष्ट्र ग्रामीण आबादी को पानी का कनेक्शन देने में सुस्ती दिखा रहा है।   
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तेलंगाना और गोवा सहित लगभग आधा दर्जन राज्यों में 100 फीसद घरों में नल का जल पहुंच चुका है। यहां तक कि बिहार के 86 फीसद से ज्यादा ग्रामीण परिवारों तक नल से जलापूर्ति हो रही है। लेकिन महाराष्ट्र के 1,42,36,135 ग्रामीण परिवारों में से 4 अगस्त 2021 तक सिर्फ 92,28,384 परिवारों (64.82 फीसद परिवार) को ही नल से जल मिल रहा है। जब अगस्त 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह योजना घोषित की थी, तब राज्य के 34 फीसद परिवारों को पीने का शुद्ध पानी उनके घर में मिल रहा था। मतलब महाराष्ट्र इस दौरान कनेक्शन दोगुना भी नहीं कर पाया। प्रदेश में अब बाकी बचे 50 लाख परिवारों तक वर्ष 2024 तक नल से जल पहुंचाना है। 

जलगांव बन चुका है ‘हर घर जल जिला’
महाराष्ट्र में अब तक सिर्फ एक जिला जलगांव ही ‘हर घर जल जिला’ बन पाया है। जालना जिला भी इस सूचि में आने वाला है, जहां अब 3 लाख ग्रामीण घरों में से केवल 1500 घर ही बिना नल कनेक्शन के बचे हैं। इस मामले में सबसे निचले पायदान पर पालघर जिला है जहां सिर्फ 32.57 फीसद घरों में ही नल से जल पहुंचा है।

9,125 गांव बन चुके हैं ‘हर घर जल गांव’ 
महाराष्ट्र की अब तक 5,868 पंचायतें और 9,125 गांव पूर्ण रूप से हर घर जल गांव बने हैं। प्रदेश में 40,596 गांव हैं, जिनमें से 28,943 गांव में सरकार अभी तक जल जीवन मिशन- हर घर जल योजना के तहत जलापूर्ति का काम शुरू ही नहीं कर सकी है। महाराष्ट्र में 85,317 स्कूल हैं, जिसमें से 31 जुलाई तक 66,089 स्कूलों में पीने के पानी का कनेक्शन लगाया जा चुका है। केन्द्र द्वारा आवंटित राशि खर्च करने में महाराष्ट्र सरकार पीछे रही है। 22 जुलाई तक के आंकड़े बताते हैं कि केन्द्रीय खजाने से महाराष्ट्र सरकार ने कोई राशि नहीं निकाली है। उनके खाते में केन्द्र के 269 करोड़ रूपये पिछले वित्त वर्ष के बचे हुए थे, जिसमें से महज 30.11 करोड़ रूपये ही राज्य खर्च कर पाया है।

मिशन के क्रियान्वयन में कुछ परेशानियां हैं : शेखावत 
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी माना है कि मिशन के क्रियान्वयन में कुछ परेशानियां हैं। विशेष तौर पर कोरोना महामारी के बाद कुछ राज्यों की तरफ से फंड की कमी के कारण हिस्सेदारी जारी करने में देरी भी लक्ष्य की तरफ तेजी से बढ़ने में दिक्कतें पैदा कर रही है। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार ने अपना बजट आवंटन राज्यों के लिए तीन-चार गुना तक बढ़ाया है, लेकिन निर्धारित हिस्सेदारी राज्यों को भी जारी करनी होती है। उन्होने बताया कि देश में अब तक कुल सात करोड़ 88 लाख 65 हजार घरों में नल का जल पहुंच चुका है।


 

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