कंगना विवाद: प्रेस कांफ्रेंस में बोले CM उद्धव ठाकरे- मेरी खमोशी को कमजोरी न समझें
कंगना विवाद: प्रेस कांफ्रेंस में बोले CM उद्धव ठाकरे- मेरी खमोशी को कमजोरी न समझें
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कंगना रनौत विवाद के बीच आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रेस कांफ्रेंस की। हालांकि इस दौरान उनका पूरा फोकस कोरोना वायरस पर रहा है। पूरी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उद्धव ठाकरे ने कंगना विवाद और रिटायर्ड नेवी अफसर से मारपीट के मामले पर चुप्पी साधे रखी। सीएम ठाकरे ने सुशांत केस और ड्रग माफियाओं को लेकर भी कुछ नहीं कहा।
प्रेस कांफ्रेंस में उद्धव ने कहा, महाराष्ट्र को बदनाम करने की कोशिश हो रही है। सही समय पर मैं इस पर बोलूंगा। उद्धव ने ये भी कहा कि मेरी खामोशी को कमजोरी न समझें। उद्धव ठाकरे ने कहा कि कुछ लोग सोच सकते हैं कि कोरोना खत्म हो गया है और उन्होंने राजनीति करना शुरू कर दिया है। जबकि मैं महाराष्ट्र को बदनाम करने के लिए चल रही राजनीति पर कुछ नहीं कहना चाहता। सही समय पर मैं इसके बारे में बोलूंगा, इसके लिए मुझे सीएम के प्रोटोकॉल को कुछ समय के लिए अलग रखना होगा। अभी के लिए मेरा ध्यान कोरोना पर है।
कोरोना की गंभीर स्थिति का जिक्र करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि 15 सितंबर से हम एक हेल्थ चेकअप मिशन लॉन्च करने जा रहे हैं। मेडिकल टीम हर घर जाकर स्वास्थ्य की जानकारी लेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अभी पूरी गतिविधियों को शुरू नहीं किया गया क्योंकि करोना का संकट खत्म नहीं हुआ है, बलकि बढ़ते जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण बढ़ते जा रहा है पर इससे डरने की जरूरत नहीं है हमें सावधानी बरतनी होगी। मुझे उम्मीद है कि दोबारा लॉकडाउन लगाने की नौबत नहीं आएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उत्पादन होने वाले कुल ऑक्सीजन में से 80 प्रतिशत ऑक्सीजन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आरक्षित रखा जाएगा। बाकी 20 प्रतिशत उद्योगों के लिए दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेस्टोरेंट और जिम के लिए नियमावली बनाई जाएगी। इसके बाद उसको शुरू करने की अनुमति दी जाएगी।
मेरा परिवार, मेरा जिम्मेदारी अभियान 15 से
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 15 सितंबर से मेरा परिवार, मेरा जिम्मेदारी अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग के कर्माचारी अगले एक महीने में दो बार घर-घर जाकर लोगों की स्वास्थ्य जांच करेंगे। स्वास्थ्य कर्मी हर घर में 50 से 55 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों की स्वास्थ्य जांच करेंगे। इसके बाद जरूरत के अनुसार सलाह देंगे। इस अभियान को सफल बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों, एनजीओ और मीडिया की भी मदद ली जाएगी। राज्य की 12 करोड़ जनता तक पहुंचना कठिन लग रहा होगा लेकिन यह असंभव नहीं है।
पूर्व विदर्भ के लिए 18 करोड़ रुपए की मदद
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित पूर्व विदर्भ के लिए 18 करोड़ रुपए की तत्काल मदद दी गई है। बाढ़ प्रभावितों को कोल्हापुर और सांगली की बाढ़ के तर्ज पर मदद उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं कोंकण में निसर्ग चक्रवाद से प्रभावितों को 700 करोड़ रुपए की मदद की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 29.50 लाख किसानों को कर्ज मुक्ति योजना का लाभ मिला है। आदिवासी बच्चों और महिलाओं को मुफ्त में दूध पावडर उपलब्ध कराया जा रहा है। आदिवासियों के लिए खावटी अनुदान योजना शुरू है। राज्य में 5 रुपए कीमत पर 1 करोड़ 75 लाख शिवभोजन थाली उपलब्ध कराई गई है। कोरोना के मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड की क्षमता 3.60 लाख बढ़ाई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों का नुकसान टालने के लिए जो बिकेगा वही बोएंगे अभियान शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री की जनता के लिए सलाह
घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाकर जाएं
बार-बार हाथ धोएं, साफ-सफाई रखें
एक-दूसरे से बातचीत करते समय आमने-सामने बातचीत करने से बचें
ऑनलाइन खरीदी पर जोर दें, बाजार में भीड़ के समय न जाए
दुकानों में वस्तुओं और सैंपल को बिना कारण हाथ न लगाए
सार्वजनिक वाहनों में परिवहन करते समय बातचीत करने से बचें
होटल और अन्य जगहों पर भोजन के समय आमने-सामने बैठकर खाने न खाए
फ्लश करते समय टॉयलेट सीट का ढक्कन बंद रखें
लोगों से मुलाकात करने के लिए एसी कमरे के बजाय खुली जगह का उपयोग करें।