MP News: 20 लाख किसानों को फायदा, शिवराज सरकार ने खाते में डाले 400 करोड़ रुपए
MP News: 20 लाख किसानों को फायदा, शिवराज सरकार ने खाते में डाले 400 करोड़ रुपए
डिजिटल डेस्क (भोपाल)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (30 जनवरी) पर सागर में प्रधानमंत्री किसान समान निधि की तर्ज पर मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत 20 लाख किसानों के खातों में किसान समान निधि के 400 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए हैं। इसके अलावा सीएम ने अन्य कई योजनाओं का लोकार्पण भी किया।
प्रदेश में अभी तक साढ़े 17 लाख किसानों के खातों में किसान समान निधि की राशि जमा कराई जा चुकी है। इसके तहत किसानों के खातों में दो किश्तों में चार हजार रुपये डाले जा रहे हैं। केंद्र सरकार छह हजार रुपए तीन किस्तों में दे रही है। इस योजना में लगभग 75 लाख किसान चिन्हित हैं। राजस्व विभाग के अधिकारियों को कहना है कि मार्च 2021 तक सभी पात्र किसानों को राज्य सरकार की योजना के तहत पहली किश्त दी जाएगी।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में अभी तक साढ़े 17 लाख किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि की राशि जमा कराई जा चुकी है। शिवराज सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की तर्ज पर सितंबर 2020 में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की शुरुआत की है। इसके तहत किसानों के खातों में दो किस्तों में चार हजार रुपए डाले जा रहे हैं। केंद्र सरकार छह हजार रुपए तीन किस्तों में दे रही है।
सागर में किसान सम्मान निधि की राशि अंतरण कार्यक्रम के लिए कृषि से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
प्रदेश में अच्छे उत्पादन के चलते इसी साल हमने लगभग 16 लाख किसानों से एक करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूँ का समर्थन मूल्य पर उपार्जन करके एक नया इतिहास रचा है और मध्यप्रदेश इस मामले में देश का नंबर वन राज्य बना।
उपार्जन कार्य की अविस्मरणीय सफलता को एक बार पुन: दोहराते हुए प्रदेश में धान के उपार्जन का कार्य सफलता से संपादित किया गया है।
अब तक 5 लाख 86 हजार से अधिक किसानों से 37 लाख 27 हजार मीट्रिक टन से अधिक का धान उपार्जित किया जा चुका है। इसी प्रकार 42 हजार 400 से अधिक किसानों से 2 लाख 24 हजार मीट्रिक टन से अधिक ज्वार एवं बाजरा समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है। गेहूँ, धान एवं अन्य फसलों के उपार्जनके माध्यम से राज्य सरकार द्वारा अब तक 33 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों के खाते में अंतरित की गयी है।
राज्य शासन द्वारा 32 लघु वनोपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण किया गया, जिनमें से 14 लघु वनोपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की गई तथा 18 लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य प्रथम बार सम्मिलित किए गए हैं।
सरकार ने शपथ लेते ही किसानों की चिंता की और सबसे पहले पुराने वर्षों की बकाया प्रीमियम राशि 22 सौ करोड़ रूपयों का भुगतान किया। इस कारण प्रदेश के किसानों को 3 हजार 200 करोड़ रुपये की दावा राशि का भुगतान संभव हो सका। अब तक किसानों को बीमा राशि के रूप में 8 हजार 699 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है। उद्यानिकी फसलों के बीमा के लिए 100 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया गया है।
#Sagar में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 20 लाख किसानों के खातों में राशि का अंतरण। https://t.co/y8REsN3vNc
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) January 30, 2021
इस वर्ष खरीफ 2020 के दौरान प्रदेश में हुई अति-वृष्टि और कीट व्याधि के कारण 35 लाख 50 हजार से अधिक किसानों को फसलों को हुए नुकसान की राहत राशि का वितरण प्रारंभ कर दिया गया है ताकि किसानों को क्षतिपूर्ति शीघ्र प्राप्त हो सके।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के प्रारंभ से अब तक प्रदेश के लगभग 77 लाख किसानों को कुल 6 हजार 815 करोड़ रुपये की सम्मान निधि का भुगतान किया जा चुका है। ज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों के लिए मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना प्रारंभ की है। इस योजना में हम सभी पात्र किसानों को वर्ष में 4 हजार रुपये का भुगतान 2 समान किश्तों में कर रहे हैं।
इस प्रकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 6 हजार और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना से 4 हजार- यानि प्रदेश के प्रत्येक पंजीकृत किसान को सालभर में 10 हजार रुपये की निश्चित आमदनी प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में हमने अब तक 17 लाख 50 हजार किसानों के खातों में 350 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की है और यह क्रम तब तक निरंतर जारी रहेगा, जब तक कि प्रत्येक पात्र किसान को योजना का लाभ नहीं मिल जाता।
देश में कृषि अधोसंरचना की आवश्यकता को देखते हुए भारत सरकार द्वारा एक लाख करोड़ रुपये के एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड की घोषणा की गई है। भारत सरकार के इस विशेष फण्ड में से राज्य को लगभग 7 हजार 500 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त हो रही है। मध्यप्रदेश, एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के क्रियान्वयन में देश में अग्रणी है। इस निधि के माध्यम से पूरे प्रदेश में कृषि अधोसंरचना का जाल बिछाया जाएगा।
हमारी सरकार प्रदेश में किसानों को शून्य ब्याज दर पर फसल ऋण प्रदान कर रही है और अब तक इस वित्तीय वर्ष में 12 हजार 578 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरण किया जा चुका है।
लगभग 63 हजार किसानों, पशुपालकों, मछली पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड तैयार कर वितरित किये जाकर 177 करोड़ रुपये का फसल ऋण वितरित किया गया है।
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत प्रदेश में सब्जी, फल और फूलों के देश-विदेश में विपणन की व्यवस्था हेतु अधोसंरचना का विकास किया जायेगा। सानों के कल्याण एवं कृषि के विकास के लिए विगत 10 माह में 83 हजार करोड़ रुपये से अधिक के हितलाभ प्रदाय किये जा चुके हैं।
राज्य, कृषि के क्षेत्रमें अब एक ऐसे नए युग में प्रवेश कर रहा है, जिसमें पहली बार खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि के स्थान पर किसानों की आमदनी में वृद्धि को नीति एवं निर्णयों के केंद्र में रखा गया है।
राज्य अब आदान आधारित कृषि व्यवस्था से आगे बढ़कर तकनीक आधारित कृषि की ओर अग्रसर है, जिसके फलस्वरूप अब बाजार की मांग के अनुसार फसलें उगाकर खेती का विविधीकरण किया जा रहा है। किसान अब केवल अन्नदाता ही नहीं, बल्कि एक सफल उद्यमी भी बने, इस दिशा में सरकार तेजी से अवसरों का निर्माण कर रही है।