मध्य प्रदेश ने केन्द्र को भेजी रिपोर्ट में ऑक्सजीन की कमी से 0 मौत बताई, अप्रैल में ही 60 लोग जान गंवा चुके थे
मध्य प्रदेश ने केन्द्र को भेजी रिपोर्ट में ऑक्सजीन की कमी से 0 मौत बताई, अप्रैल में ही 60 लोग जान गंवा चुके थे
डिजिटल डेस्क, भोपाल। केन्द्र ने संसद में दो दिन पहले कहा था कि देश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है। मध्य प्रदेश सरकार ने केन्द्र को जो रिपोर्ट भेजी है। उसमें भी राज्य में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं बताई है। जबकि सिर्फ अप्रैल महीने में इसी वजह से 60 लोगों की मौत हुईं थी।
भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, शहडोल, छतरपुर, खंडवा, मुरैना, सागर और कटनी में ऑक्सीजन की कमी से 15 हादसे हुए थे। तस्वीरें, आंकड़े और हादसे इसका सबूत हैं। हैरत की बात ये है कि हादसे के समय जिन डॉक्टरों ने ऑक्सीजन की कमी से मौत होने की बात कही थी, वो अब तक पलट गए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक मौतौं का कारण साबित करना मुश्किल है, लेकिन इन मामलों में ऑक्सीजन ऑडिट होना था, जो नहीं हुआ।
इस पूरे मामले को लेकर मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। सीएम ने सड़क, रेलवे और हवाई मार्ग से ऑक्सीजन मुहैया कराई। ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर समस्याएं थीं, लेकिन सरकार ने तुरंत व्यवस्था की।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से मौत की खबरें आई थीं। इश पर केन्द्र के संसद में दिए बयान पर राहुल गांधी ने कहा है कि सिर्फ ऑक्सीजन की ही कमी नहीं थी। संवेदनशीलता व सत्य की भारी कमी तब भी थी, आज भी है।
दूसरी ओर भाजपा ने ऑक्सीजन की कमी से मौत होने का आंकड़ा न होने का ठीकरा राज्य पर फोड़ दिया। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी सेमौत का आंकड़ा राज्यों को भेजाना था। राज्यों ने नहीं दी, तो क्या कहा जाएगा। वहीं, छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई।