कमलनाथ सरकार नहीं वसूलेगी जनता से भारी जुर्माना, कहा-पुनर्विचार करे केंद्र
कमलनाथ सरकार नहीं वसूलेगी जनता से भारी जुर्माना, कहा-पुनर्विचार करे केंद्र
डिजिटल डेस्क, भोपाल। नए मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर देश में लगातार विरोध हो रहा है। एक्ट को लागू हुआ अभी 12 दिन भी नहीं हुआ है और कई राज्यों ने जुर्माना राशि को आधा कर दिया है। कई राज्यों ने नए मोटर व्हीकल एक्ट को लागू तक नहीं किया है। वहीं मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार जनता से भारी भरकम जुर्माना वसूलना ठीक नहीं मान रही है। सीएम कमलनाथ ने केंद्र सरकार से जुर्माने की राशि पर पुनर्विचार करने को कहा है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जुर्माने की राशि पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि सड़क हादसों को रोकना और लोगों की जान की हिफाजत हम भी चाहते है, पर यह भी देखना चाहिये कि जुर्माना अव्यवाहरिक ना हो, लोगों की क्षमता के अनुरूप हो, भारी मंदी का दौर चल रहा है। केंद्र सरकार जुर्माने की राशि पर पुनर्विचार करे और लोगों को राहत प्रदान करे। हम भी इसका अध्ययन करवा रहे है।
सड़क हादसों को रोकना और लोगों की जान की हिफ़ाजत हम भी चाहते है पर यह भी देखना चाहिये कि जुर्माना अव्यवाहरिक ना हो,लोगों की क्षमता के अनुरूप हो,भारी मंदी का दौर चल ही रहा है।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 12, 2019
केंद्र सरकार जुर्माने की राशि पर पुनर्विचार करे और लोगों को राहत प्रदान करे।
हम भी इसका अध्ययन करवा रहे है
इधर मप्र परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने संशोधित मोटर व्हीकल कानून को तुगलकी फरमान बताया। उन्होंने कहा कि नए एक्ट के तहत ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर जो जुर्माना वसूला जा रहा है, उसका बोझ आम-आदमी नहीं उठा सकता है। मैं इस विषय पर मुख्यमंत्री कमलनाथ से बात करूंगा। जहां भी जरूरत होगी, वहा जनता को राहत पहुंचाई जाएगी।
Madhya Pradesh Transport Minister Govind Singh Rajput: Union government"s Motor Vehicle Act is a "Tughlaqi" order. Most of the fines are more than what common man can afford. I will discuss the matter with the Chief Minister and try to lessen the burden wherever required. pic.twitter.com/heV5QmUX15
— ANI (@ANI) September 12, 2019
इससे पहले भी परिवहन मंत्री राजपूत ने मोटर व्हीकल एक्ट पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था,"केंद्र सरकार ने जुर्माने की राशि इतनी बढ़ा दी है जो भरना जनता के बस की नहीं। फिलहाल इसे प्रदेश में लागू नहीं किया जाएगा। नए कानून को लागू करने के लिए अन्य राज्यों के फॉर्मेट का अध्ययन किया जा रहा।"