तेलुगु राज्य में 300 करोड़ रुपये की शराब बेची गई

नए साल की शुरूआत तेलुगु राज्य में 300 करोड़ रुपये की शराब बेची गई

Bhaskar Hindi
Update: 2022-01-01 13:30 GMT
तेलुगु राज्य में 300 करोड़ रुपये की शराब बेची गई

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। तेलुगु राज्यों में नए साल के जश्न में करीब 300 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई है। तेलंगाना में, शराब पीने वालों ने एक दिन में 172 करोड़ रुपये की शराब पी ली, जबकि पड़ोसी आंध्र प्रदेश में, नए साल की शराब की बिक्री से राज्य के खजाने के लिए अनुमानित 124 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। सूत्रों के मुताबिक यह सिर्फ शुरूआती अनुमान है और अंतिम आंकड़े इससे ज्यादा भी हो सकते हैं।

हैदराबाद और बाकी तेलंगाना में, अधिकारियों ने पब, बार और शराब की दुकानों के लिए समय बढ़ा दिया था, जिसने बिक्री में उछाल में योगदान दिया। तेलंगाना के निषेध और उत्पाद शुल्क विभाग ने बार के लाइसेंस धारकों, इवेंट परमिट प्रबंधन के लाइसेंसधारियों और तेलंगाना पर्यटन विकास निगम के इन-हाउस लाइसेंसधारियों को 31 दिसंबर, 2021 और 1 जनवरी, 2022 की मध्यरात्रि को 1 बजे तक शराब बेचने की अनुमति दी। सरकार ने नियमों में ढील देते हुए 31 दिसंबर की रात 12 बजे तक शराब की दुकानों को भी शराब बेचने की इजाजत दी। हैदराबाद और पड़ोसी रंगा रेड्डी जिलों में सबसे ज्यादा बिक्री दर्ज की गई।

दिसंबर में तेलंगाना ने शराब की बिक्री से रिकॉर्ड 3,459 करोड़ रुपये कमाए। अधिकारियों के अनुसार, दिसंबर 2020 के दौरान शराब की बिक्री 2,765 करोड़ रुपये थी। पूरे 2021 के लिए राज्य में शराब की बिक्री 30,222 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। आबकारी विभाग ने हाल ही में तेलंगाना में 104 और दुकानों और 159 बार को मंजूरी दी है। राज्य में वर्तमान में 2,220 शराब की दुकानें और 1,500 पब, बार, रेस्तरां और पर्यटन होटल हैं।

आंध्र प्रदेश ने भी बार और शराब की दुकानों के लिए समय बढ़ा दिया था और खुदरा दुकानों पर प्रीमियम ब्रांडों की उपलब्धता के कारण नए साल की पूर्व संध्या पर भारी बिक्री हुई। आंध्र प्रदेश सरकार ने भी 2021 के पहले आठ महीनों में शराब की बिक्री से 12,000 करोड़ रुपये से अधिक का रिकॉर्ड राजस्व अर्जित किया। पूरे कैलेंडर वर्ष के लिए, बिक्री 20,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को छूने की उम्मीद है।

आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार शराब की बिक्री में वृद्धि को लेकर आलोचनाओं के घेरे में आ गई है। विपक्षी दलों ने चरणबद्ध तरीके से पूर्ण शराबबंदी के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया है। शराब के एकमात्र थोक और फुटकर विक्रेता राज्य सरकार ने दावा किया है कि पिछले ढाई साल में शराब की खपत में कमी आई है।

(आईएएनएस)

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