नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को शेष प्राकृतिक जीवनकाल तक आजीवन कारावास 

पन्ना नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को शेष प्राकृतिक जीवनकाल तक आजीवन कारावास 

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-15 09:30 GMT
नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को शेष प्राकृतिक जीवनकाल तक आजीवन कारावास 

डिजिटल डेस्क,पन्ना। नाबालिग के साथ दुष्कर्म के प्रकरण में दोषी पाए गए अभियुक्त रामकिशोर अहिरवार को विशेष न्यायाधीश पास्को एक्ट न्यायालय पन्ना में विशेष न्यायाधीश द्वारा पास्को एक्ट की धारा ५(एल)६ के आरोप में शेष प्राकृतिक जीवनकाल तक आजीवन कारावास की सजा एवं ०५ हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। अभियुक्त को प्रकरण घटना में अन्य धाराओं के अंतर्गत दोषी पाते हुए क्रमश: आईपीसी की धारा ३६३ के आरोप में ०३ वर्ष के कठोर कारावास ०१ हजार रूपए के अर्थदण्ड, आईपीसी की धारा ३६६ के आरोप में ०५ वर्ष के कठोर कारावास ०२ हजार रूपए के अर्थदण्ड तथा आईपीसी की धारा ३४२ के आरोप में ०६ माह के कारावास तथा ५०० रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। अभियोजन घटना अनुसार पीडिता की माँ ने दिनांक २५ दिसम्बर को अजयगढ थाने में मौखिक रिपोर्ट की थी कि जिसमें उन्होनें बताया कि २५ दिसम्बर २०२० को दोपहर ०१ बजे घर से खेत में काम करने के लिए चले गए थी कुछ देर वापस लौटने पर सास ने बताया कि उसकी बेटी को स्कूल की मैडम ने बुलाया था सलेही के साथ चली गई है जिसके बाद उसने सलेही से इस संबंध में पूछा तो उसने बताया कि अपने मामा के लडके के साथ मामा के घर जा रही हॅंू बताकर चली गई है जिसके बाद उसने बहन के लडके से फोन करके पूंछा तो उसने बताया कि अजयगढ चली गई है।

माँ ने पुलिस को बताया कि उसकी नाबालिग पुत्री की उसके द्वारा तलाश की गई तो उसका कोई पता नही चला। पुलिस द्वारा मोैखिक रिपोर्ट पर अज्ञात के विरूद्ध आईपीसी की धारा ३६३ के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया तथा विवेचना के दौरान नाबालिग को दस्याब किया गया तथा धारा १६४ के अंतर्गत पीडि़ता के कथन करवाऐं गए घटना प्रकरण में अभियुक्त द्वारा उसे भगाकर ले जाने और दुष्कर्म करने का मामला विवेचना में पाए जाने पर अभियुक्त के विरूद्ध दर्ज प्रकरण में आईपीसी की धारा ३६६,३४२ तथा पास्को एक्ट की धारा बढाई गई। प्रकरण में आरोपी के विरूद्ध विवेचना कार्यवाही पूर कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया। प्रकरण की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पास्को एक्ट न्यायालय पन्ना में हुई। प्रकरण में अभियोजन पक्ष द्वारा बिन्दुवार तरीके से घटना को लेकर साक्ष्य प्रस्तुत कर घटना को प्रमाणित किया। न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई पूरी कर अभियुक्त को दोषी पाते हुए सजा सुनाई गई। प्रकरण में अभियोजन की ओर से  जिला लोक अभियोजन अधिकारी  संदीप कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक वरिष्ठ सहायक  जिला लोक अभियोजन अधिकारी दिनेश खरे द्वारा  पैरवी की गई।

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