नाबालिग से गैंगरेप के आरोपी को उम्र कैद,अर्थदंड भी
नाबालिग से गैंगरेप के आरोपी को उम्र कैद,अर्थदंड भी
डिजिटल डेस्क,सतना। पन्द्रह वर्षीय किशोरी को अगवा कर गैंगरेप करने वाले आरोपी को विशेष न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट अजीत सिंह की अदालत ने आरोपी भोलू उर्फ राधे उर्फ विवेक पिता संतोष पयासी निवासी बड़खेरा पर 11 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। पीआरओ फखरुद्दीन ने बताया कि आरोपी ने अपने साथी रोहित पयासी के साथ मिलकर किशोरी को घर के बाहर बुलाया और उसे 26 फरवरी 2016 को अगवा कर लिया।
जंगल में घटित की वारदात
अरोपी पीड़िता को नेबारी जंगल ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपियों के चंगुल से भागकर किशोरी घर पहुंची, जहां उसने अपनी मां, मौसी और पिता से घटना के बारे में बताया। 27 फरवरी 2016 को पीडि़ता ने सभापुर थाने में लिखित रिपोर्ट दर्ज कराया। थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। विवेचना के बाद आरोप पत्र विशेष न्यायालय में पेश किया। इसी दौरान दूसरा आरोपी रोहित पयासी फरार हो गया। अदालत ने आरोपी विवेक पयासी के खिलाफ भादवि की धारा 376(2)(जी)3(2)5 एससीएसटी एक्ट और पाक्सो एक्ट की धारा 5/6 का अपराध प्रमाणित पाए जाने पर जेल और जुर्माने की सजा से दंडित किया है। अभियोजन की ओर से डीडीपी एसएल कोष्ठा ने पक्ष रखा।
मंदबुद्धि किशोरी के दुष्कर्मी को आजीवन कारावास
सतना। मंदबुद्धि किशोरी के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को अदालत ने डीएनए रिपोर्ट पॉजिटिव पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। चतुर्थ अपर सत्र अदालत ने दुष्कर्मी पर 5 हजार का जुर्माना भी लगाया है। पीआरओ फखरुद्दीन ने बताया कि पीड़िता के रिश्तेदार उसके घर आए हुए थे। दूसरे दिन 15 दिसम्बर 2013 को वह जाने लगे तो पीड़िता की मां उसको तलाशने लगी। आरोपी के घर पीड़िता की तलाश करने पहुंचे तो उसके घर का दरवाजा बंद था। आरोपी ने घर का दरवाजा नहीं खोला, काफी देर बाद पीड़िता आरोपी का पैंट पहने हुए सामने के दरवाजे से बाहर निकली। जबकि आरोपी पिछले दरवाजे से भागने लगा। परिजनों ने पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह फरार हो गया। पीड़िता की मां ने कोलगवां थाने में शाम को रिपोर्ट दर्ज कराया। पीड़िता के मंदबुद्धि होने के चलते थाना पुलिस ने उसकी मां का कथन दर्ज किया। आरोपी को गिरफ्तार कर आरोप पत्र अदालत में पेश किया। डीएनए रिपोर्ट और प्रकरण में प्रस्तुत साक्ष्य से आरोप प्रमाणित पाए जाने पर अदालत ने आरोपी सुखलाल प्रजापति उर्फ चिंरगा पिता भागीरथी थाना कोलगवां को भादवि की धारा 376(2)(ठ) के अपराध में जेल और जुर्माने की सजा से दंडित किया है। अभियोजन की ओर से डीपीओ रामपाल सिंह ने पक्ष रखा।
डीएनए से साबित हुआ जुर्म
एडीपीओ फखरुद्दीन ने बताया कि पीड़िता मंदबुद्धि थी जो बयान देने में सामर्थ नहीं थी। प्रकरण के विचारण के दौरान उसकी मौत हो गई। बावजूद इसके डीएनए मिलान होने पर आरोपी दोषी पाया गया।