पुलिस की भूमिका देखते हैं, उसके बाद...हम भी मुंह में जुबान रखते हैं!
राज ठाकरे के बयानों पर सांसद जलील ने कहा- अल्टीमेटम राज्य सरकार के लिए पुलिस की भूमिका देखते हैं, उसके बाद...हम भी मुंह में जुबान रखते हैं!
डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। सांसद इम्तियाज जलील ने यहां राज ठाकरे द्वारा दिए गए भाषण को भड़काऊ करार देने के साथ ही कहा कि उनका अल्टीमेटम मुसलमानों नहीं, बल्कि राज्य सरकार के लिए है। सभा के दौरान पुलिस द्वारा तय नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाई गईं। देखना है कि अब पुलिस प्रशासन आगे क्या भूमिका अपनाता है। अगर कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो.... हम भी मुंह में जुबान रखते हैं! दोगुनी बड़ी सभा लेकर इसी अंदाज में बात करेंगे।
सियासत नफरतों के जख्म को भरने नहीं देती
सांसद ने कहा कि ठाकरे को महाराष्ट्र की संस्कृति समझने की जरूरत है। महाराष्ट्र दिवस पर बेरोजगारी, महंगाई आदि मुद्दों पर मार्गदर्शन करना चाहिए था। कोरोना काल के दो साल कष्ट झेलने के बाद अब लोगों ने राहत की सांस ली है, तो गंदी राजनीति पीछे पड़ गई है। एक शेर पढ़ा कि - "सियासत नफरतों के जख्म को भरने नहीं देती, जब भी भरने आता है जख्म, वहां मक्खी बैठ जाती है"। कहा कि राज ने 4 अप्रैल से मस्जिदों के सामने लाउडस्पीकर बजाने का अल्टीमेटम दिया है। शायद वह यह बंदोबस्त करके गए हैं कि तुम लोग साम्प्रदायिक उन्माद में झुलसो, हम अयोध्या के लिए निकले। सांसद ने साफ कर दिया कि ठाकरे के भड़काऊ बयान पर मुस्लिम समाज कुछ भी प्रतिक्रिया देने वाला नहीं है। लोग अच्छी तरह समझ रहे हैं कि खुद की राजनीति चमकाने के लिए लोग देश को दांव पर लगाने तुले हैं। लेकिन, ऐसा होने नहीं दिया जाएगा।