सातवीं में आए कम अंक तो छात्र ने बनाई अपने अपहरण की मनगढ़ंत कहानी
सातवीं में आए कम अंक तो छात्र ने बनाई अपने अपहरण की मनगढ़ंत कहानी
डिजिटल डेस्क गाडरवारा । कक्षा सातवी में कम अंक पाकर पास होने के कारण अंकसूची देखकर मां के डाटने के डर से छात्र ने अपहरण की मनगढंत कहानी बनाई । छात्र के पिता अवधेश पटेल गोटेगांव में ग्राम आंखीबाड़ा में शिक्षक के पद पर पदस्थ है और ड्यूटी उपरांत शाम को ट्रेन से गाडरवारा आते है, मां की डांट से बचने के लिए वह अपने पिता के आने का इंतजार कर रहा था।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि शनिवार को क्राइस्ट चर्च कान्वेंट शाला में कक्षा 8 वीं में अध्ययनरत छात्र आशुतोष पिता अवधेश पटैल उम्र 12 वर्ष निवासी भामा वार्ड के अपहरण का मामला प्रकाश में आया था। छात्र के गायब होने के संबंध में थाना गाडरवारा में शिकायत करायी थी। छात्र के पिता ने बताया कि 13 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 32 मिनिट पर स्कूल की टीचर का फोन आया। जिसकी जानकारी घर पर दी तो छात्र पैदल घर से अंकसूची लेने निकला। आधा एक घंटा बीतने पर जब छात्र वापिस घर नहीं आया तो छात्र के परिजनों ने उसकी तलाश की तो वह रेल्वे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर 1 पर मिला छात्र को लेकर सायंकाल करीब 4 बजे थाने पहुंचे और अगवा होने की संपूर्ण घटना की जानकारी से अवगत कराया गया।
ऐसे खुला राज
घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस उप अधीक्षक सीताराम यादव, नगर निरीक्षक रामफल गौड़, सहायक उप निरीक्षक विजय पाल, आरक्षक संतोष सिंह, कुलदीप, सोमकुंवर, राजेश बागरी, प्रधान आरक्षक राकेश दीक्षित की टीम गठित की गई। स्कूल के सीसीटीव्ही कैमरो को देखा गया जिसमें छात्र स्कूल की तरफ न जाकर कृष्णा कान्वेन्ट स्कूल की तरफ जाते दिखा। कृष्णा कान्वेंट स्कूल के सीसीटीव्ही कैमरा में एवं बैबेज ग्रुप शंकर मंदिर विजय कालोनी में लगे सीसीटीव्ही कैमरो में छानबीन की गई तो घटना के समय कोई वाहन निकलता नहीं मिला। इसके पश्चात नीलकंठ होटल एवं रेल्वे स्टेशन के सीसीटीव्ही कैमरो को देखा गया तो यह छात्र पैदल रेल्वे स्टेशन के अंदर जाता हुआ दिखाई दिया।
नहीं हुई कोई घटना
पुलिस उप अधीक्षक सीताराम यादव ने पत्रकारों से चर्चा कर जानकारी देते हुए बताया कि छात्र के अपहरण की कोई घटना घटित नहीं हुई है। छात्र ने अपनी मां के डाटने के डर से मनगढंत कहानी बनाई थी। यादव ने सोशल मीडिया से ऐसी अफवाहों से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन से पुष्टि करने के उपरांत ही खबरों का प्रकाशन किया जाए ताकि बेवहज होने वाली समस्याओं पर अंकुश लग सके। उन्होंने कहा कि मामले में सोशल मीडिया पर झूठी खबरे फैलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।