श्रम निरीक्षक अपहरण कांड के चार आरोपियों को आजीवन कारावास
श्रम निरीक्षक अपहरण कांड के चार आरोपियों को आजीवन कारावास
डिजिटल डेस्क,अमरवाड़ा । अमरवाड़ा के बहुचर्चित और सनसनीखेज चंद्रकांत स्थापक अपहरण कांड में अपर सत्र न्यायालय अमरवाड़ा ने चारों आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
फिरौती में मांगे थे पांच लाख रूपये
प्रकरण की जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक नितिन तिवारी ने बताया कि घटना वर्ष 2015 की है छिंदवाड़ा में पदस्थ श्रम निरीक्षक चंद्रकांत स्थापक अपनी अल्टो कार से छिंदवाड़ा से नरसिंहपुर जा रहे थे तभी पहले से योजना बनाए बैठे आरोपी योगेंद्र जंघेला,नीलेश श्रीवात्री,अनिल,और आत्माराम ने झंडा मंदिर हर्रई के पास से चंद्रकांत स्थापक का अपहरण कर लिया और उन्हें 3 दिन तक पहाड़ी में बंधक बनाए रखा और फिरौती में रू. 500000 की राशि की मांग की थी।
तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पुरुषोत्तम शर्मा ने घटना की सूचना मिलते ही स्वयं हर्रई जाकर आरोपियों को फोन की लोकेशन के आधार पर मौके से पकडऩे की योजना बनाई और पुलिस अधिकारियों को अलग अलग पार्टी बनाकर पहाडी की घेराबंदी की । जैसे ही फिरौती रकम लेने आरोपी आ रहे थे तब ही पुलिस और आरोपियों की मुठभेड़ हुई और आरोपियों ने कई राउंड पुलिस पर फायर किये । पुलिस ने सभी आरोपियों को मौके से भागने का प्रयास करते समय पकड़ लिया और अपहृत श्रम निरीक्षक को आरोपियों के चंगुल से छुड़ाया।
हर्रई थाना में
धारा 364-क,(भा. दं .वि.) का प्रकरण दर्ज कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। सत्र प्रकरण क्रमांक 40/2015 में अभियोजन की ओर से पुलिस अधीक्षक सहित 15 साक्षियों से प्रकरण सिध्द किया गया। सभी आरोपियों को फिरौती वसूली के लिये अपहरण करने का दोषी पाते हुये अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती निशा विश्वकर्मा ने सश्रम आजीवन कारावास एवं 1000--1000/-रुपये जुर्माना की सजा से दंडित किया और आरोपियों को जेल भेज दिया।प्रकरण में मध्यप्रदेश शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता नितिन तिवारी ने पैरवी की।
इनका कहना है
आरोपियों को दंडित कर न्यायालय ने मेरे साथ न्याय किया है,फैसले से खुशी और न्याय व्यवस्था पर विश्वास मजबूत हुआ है।
चंद्रकांत स्थापक अपहृत श्रम निरीक्षक