गुप्त धन के लिए बेटी की बलि देने चला था कलियुगी पिता,दुष्कर्म भी करता रहा

10 साथियों के साथ गिरफ्तार गुप्त धन के लिए बेटी की बलि देने चला था कलियुगी पिता,दुष्कर्म भी करता रहा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-27 09:02 GMT
गुप्त धन के लिए बेटी की बलि देने चला था कलियुगी पिता,दुष्कर्म भी करता रहा

डिजिटल डेस्क, बाभुलगांव (यवतमाल)। यवतमाल जिले की बाभुलगांव तहसील के मादणी में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पिता ने गुप्त धन के लिए अपनी सगी बेटी की ही बलि देने की कोशिश की। 18 वर्षीय पीड़िता द्वारा समय पर खतरा भांपने से उसकी जान बच पाई।  फिलहाल पुलिस ने आरोपी पिता समेत 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। शर्मनाक बात यह भी है कि लालची पिता बीते 5 वर्ष से बेटी का शारीरिक शोषण भी कर रहा था। जानकारी के मुताबिक, आरोपी किसान है और गुप्तधन हासिल करने के लिए अक्सर तांत्रिक को बुलाकर पूजा करता रहता था। बीते रविवार को उसने फोन पर इसी सिलसिले में किसी से चर्चा की। इसके बाद पीड़िता और उसकी छोटी बहन को पिटाई कर धमकाया व सोमवार शाम 7 बजे नहा-धोकर तैयार रहने के लिए कहा। सोमवार रात करीब 9 बजे आरोपी ने गांव के ही रहने वाले विजय शेषराव बावणे, खेत मजदूर रमेश कवडूजी गुडेकार और रालेगांव निवासी 4 पुरुष व 2 महिलाओं को बुलाया। इसके बाद पीड़िता, उसकी मां और बहन को एक कमरे में बंद कर दिया गया। कमरे में बंद पीड़िता को सुनाई पड़ा कि वे लोग गुप्त धन के लिए नरबलि की बात कर रहे हैं। कुछ देर बाद आरोपी पिता कमरे में आया और एक नींबू पीड़िता के हाथ में दिया। गणपति प्रतिमा के सामने दूर्वा रखी और दूध का नैवेद्य चढ़ाया। इतनी देर में रालेगांव से आईं दोनों महिलाओं ने नरबलि के लिए पूजा कर बड़ा गड्ढा खोद लिया था। 

इस क्रियाकलाप से आशंकित पीड़िता ने चुपके से मोबाइल से उक्त गड्‌ढे का फोटो खींचा और अपने परिचित सचिन मेश्राम को भेजकर मामले की जानकारी दी। उसने अपनी बलि दिए जाने की आशंका भी जताई और पुलिस को सूचना देने को कहा। इससे अनजान आरोपी पीड़िता को जबरन दूसरे कमरे में ले गए। जहां उसकी पूजा कर गले में फूलों की माला डाली गई। ठीक इसी समय पुलिस मौके पर पहुंच गई और सभी आरोपियों को रंग हाथ गिरफ्तार कर लिया। 

मां-बहन को जिंदा जलाने की धमकी देकर करता था दुष्कर्म
पीड़िता फिलहाल औरंगाबाद में बीफॉर्म प्रथम वर्ष में अध्ययनरत है। उसकी मां बीते तीन साल से बीमार है। उसकी स्कूली शिक्षा यवतमाल निवासी चाचा के यहां हुई है। जब वह 13 वर्ष की थी, तब स्कूल में छुट्टी होने पर मादणी आई थी। इसी दौरान एक रात गहरी नींद में सोई पीड़िता के साथ उसके पिता ने दुष्कर्म किया। इसके बाद तो जब-जब वह घर आती, उसका पिता यही कुकर्म दोहराता। विरोध करने पर धमकी देता कि उसकी मां और बहन को जिंदा जला देगा। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी पिता के साथ विजय शेषराव बावणे, रमेश कवडुजी गुडेवार, वाल्मीक रमेश वानखडे, विनोद नारायण चुणारकर, दीपक मनोहर श्रीरामे, आकाश शत्रुघ्न धनकसार, माधुरी विनय ठाकुर, माया प्रकाश समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मौके से बलि के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री भी जब्त की गई है। आरोपियों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें 28 अप्रैल तक पुलिस रिमांड में भेजा गया है। 

यवतमाल की ही घाटंजी तहसील में दी गई थी नरबलि
इससे पहले यवतमाल की ही घाटंजी तहसील के चोरंबा गांव में बीते दिनों सपना पलसकर की बलि दी गई थी। मामले में करीबी रिश्तेदार ही शामिल थे। 14 अगस्त 2018 को यवतमाल जिला सत्र न्यायाधीश ने सात लोगों को फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में अपील करने पर आरोपी बरी हो गए थे। 
 

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