मांगों को लेकर झाडे जनजाति का बेमियादी अनशन 

गड़चिरोली मांगों को लेकर झाडे जनजाति का बेमियादी अनशन 

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-10 09:16 GMT
मांगों को लेकर झाडे जनजाति का बेमियादी अनशन 

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली ।   झाडे़ जनजाति की विभिन्न प्रलंबित समस्याआें का निवारण करने के लिए गड़चिरोली-चंद्रपुर झाड़े समाज समिति की ओर से गत 30 अक्टूबर से शुरू किया गया बेमियादी अनशन लगातार जारी है।  इस बीच विभिन्न संगठनों ने अनशनकर्ताओं को भेंट देकर अपना समर्थन घोषित किया।   झाडे जाति के नाम पर समाज के लोगों को झाडे जाति का प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है। लेकिन जाति जांच समिति व दक्षता टीम की जांच में इस जाति का कहीं पर भी कोई उल्लेख नहीं होने से जाति जांच प्रमाणपत्र से लोगांे को वंचित रहना पड़ रहा है। जिसके कारण समाज के उच्च शिक्षित युवा आज भी सरकारी नौकरी और योजनाओं से वंचित है। इस जनजाति के अध्ययनकर्ता डा. कोहाड ने संशोधन की एक रिपोर्ट सरकार को पेश की है। साथ ही वर्ष 2012 से सकारात्मक आंदोलनों के साथ सरकार के साथ पत्र व्यवहार भी किया जा रहा है। बावजूद इसके झाड़े जनजाति को अब तक न्याय नहीं मिल पाया है। इस समुदाय के लोगांे को उनके अधिकार दिलाने के लिए ही बेमियादी अनशन शुरू किया गया। बुधवार को लगातार ग्यारहवें दिन भी यह अनशन जारी रहा।  इस समय समिति के मार्गदर्शक और जनजाति के अध्ययनकर्ता डा. सुशिलकुमार कोहाड, अध्यक्ष अनिल मंटकवार, पुरूषोत्तम अर्कपटलावार, वासुदेव तुंकलवार, धनुजी मंटकवार, रमेश तुंकलवार, कमलाकर कोमलवार, रामदास कोमलवार, जनार्धन तुंकलवार, मिथून पाकलवार, लोमेश तुंकलवार, प्रकाश मुसद्दीवार समेत अन्य उपस्थित थे।  

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