जेट एयरवेज बंद होने से बढ़ा किराया, देने पड़ रहे हैं 2 से 3 हजार रुपए अधिक

जेट एयरवेज बंद होने से बढ़ा किराया, देने पड़ रहे हैं 2 से 3 हजार रुपए अधिक

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-26 07:36 GMT
जेट एयरवेज बंद होने से बढ़ा किराया, देने पड़ रहे हैं 2 से 3 हजार रुपए अधिक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जेट एयरवेज के विमान बंद होने से यात्रियों की जेब ढीली होने लगी। यात्रियों का दवाब बढ़ा तो कंपनियों ने किराया बढ़ा दिया और तत्काल में अधिकतम 6 से 8 हजार रुपए में मिलने वाली टिकट 10 से 13 हजार तक पहुंच गई है। वहीं,8-10 दिन बाद टिकट निकालने पर भी 1 हजार से डेढ़ हजार रुपए तक का फर्क दिखाई दे रहा है। जानकारी के अनुसार नागपुर से जेट एयरवेज के 7 विमान उड़ान भरते थे।

नई दिल्ली सहित मुंबई, इंदौर और प्रयागराज सहित अन्य शहरों के लिए भरी जाने वाली नियमित उड़ानों में करीब 800 यात्री आवागमन करते थे। लेकिन जेट एयरवेज के बंद होने के बाद से इन यात्रियों का दवाब इंडिगो, गो-एयर जैसी विमान कंपनियों पर पड़ा तो उन्होंने किराया बढ़ा दिया। इसमें हैरानी की बात तो यह है कि विमानों की कमी के कारण यात्रियों को सीट बढ़ी मुश्किल से मिल पा रही है। ऐसे में सामान्य से 2 गुना किराया चुकाने के लिए यात्री मजबूर हो रहे है। मुंबई का टिकट करीब 5 हजार रुपए का मिल रहा है। ऐसी ही कुछ स्थिति नई दिल्ली की है। टिकट सस्ता लेने के लिए यात्री तरह-तरह के एप का उपयोग कर रहे हैं, क्योंकि जेट एयरवेज का विमान बंद होने के बाद से सभी विमान कंपनियों के दाम बढ़े हुए हैं।

कार्गो विमान न होने के कारण हैदराबाद जा रहा सामान

नागपुर एयरपोर्ट पर एक भी अंतरराष्ट्रीय कार्गो विमान नहीं है, जिस वजह से नागपुर से विभिन्न सामान, औषधि, वनस्पति, मांस आदि पश्चिम देशों को भेजा जा सके। शहर से दो अंतरराष्ट्रीय विमान कतर और शारजहां के लिए उड़ान भरते हैं, लेकिन यह यात्री विमान है, जिस वजह से इनमें कार्गो को प्राथमिकता नहीं मिलती है और यही वजह है कि नागपुर की जगह लोग हैदराबाद अंतरराष्ट्रीय विमानतल की ओर रुख कर लेते हैं।

28 प्रतिदिन पहुंचते 

नागपुर एयरपोर्ट पर उड़ान भरकर करीब 28 प्रतिदिन पहुंचते हैं, इसमें दो विमान अंतरराष्ट्रीय है। उसमें भी एक विमान सप्ताह में सिर्फ 4 दिन ही आता है। ऐसे में नागपुर से पश्चिम के देश भेजा जाने वाला कार्गो विमान कंपनियों की दूसरी प्राथमिकता हो जाती है, क्योंकि दोनों ही विमान यात्री विमान है। जबकि मध्यप्रदेश सहित विदर्भ और छत्तीसगढ़ व आस-पास के एरिया में विभिन्न औषधि, वनस्पति आदि सामान भरपूर मात्रा में होता है। नागपुर से नियमित कार्गो विमान की सुविधा न होने के कारण इस सामान को सड़क रास्ते से पहले हैदराबाद भेजा जाता है, जहां से वह पश्चिम के देशों में भेजा जाता है। इतना ही नहीं, सामान को हैदराबाद भेजने में व्यवसायियों को अधिक खर्च करना पड़ता है और हैदराबाद अंतरराष्ट्रीय विमानतल होने के कारण वहां विमानों का ट्राफिक भी ज्यादा है। कच्चा माल होने के कारण व्यापारियों का सामान कई बार विमानतल पर ही खराब हो जाता है, जिसका नुकसान उन्हें उठाना पड़ता है।

यह पहल हुई बेकार
नागपुर से पिछले साल बकरियां शारजाह भेजने के लिए पहल की गई थी। यह पहला मौका था जब कार्गो के माध्यम से नागपुर से शारजाह सामान भेजा जाने वाला था, लेकिन जैन समाज ने अहिंसा के विषय को लेकर इसका विरोध किया। इसके बाद सरकार ने अपने निर्णय को रद्द कर िदया। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि उसमें सिर्फ जानवर ही भेजे जाने वाले थे, वनस्पति सहित अन्य औषधि नहीं। इतना ही नहीं, कार्गो िवमान चालू करने पर वापसी में क्या सामान आएगा इस पर भी विचार की जरुरत है।
 

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