मुस्लिम छात्रों से जमात-ए-इस्लामी हिंद ने कहा, गणतंत्र दिवस के मौके पर सूर्य नमस्कार में भाग न लें

26 जनवरी मुस्लिम छात्रों से जमात-ए-इस्लामी हिंद ने कहा, गणतंत्र दिवस के मौके पर सूर्य नमस्कार में भाग न लें

Bhaskar Hindi
Update: 2022-01-25 10:01 GMT
मुस्लिम छात्रों से जमात-ए-इस्लामी हिंद ने कहा, गणतंत्र दिवस के मौके पर सूर्य नमस्कार में भाग न लें

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। जमात-ए-इस्लामी हिंद (जेआईएच) की कर्नाटक इकाई ने मुस्लिम छात्रों और अभिभावकों से 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर सूर्य नमस्कार में हिस्सा नहीं लेने को कहा है, क्योंकि यह परंपरा इस्लाम के खिलाफ है। जेआईएच अध्यक्ष डॉ. मुहम्मद साद बेलगामी ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया कि, सूर्य नमस्कार इस्लाम के खिलाफ है। हम अपने नबी के सामने सज्दा नहीं करते हैं और हम ईश्वर की एकता में विश्वास करते हैं। मुस्लिम छात्रों के लिए सूर्य नमस्कार की अनुमति नहीं है।

उन्होंने समझाया, हम मुस्लिम माता-पिता और बच्चों को भी इस मूर्तिपूजा में भाग न लेने की दृढ़ता से सलाह देते हैं। यह बच्चों को ईश्वर की एकता और उसकी मांगों को समझने का एक अवसर भी होना चाहिए। हम स्कूलों और संस्थानों के प्रबंधन से इस विविधता का सम्मान करने का आग्रह करते हैं।

केंद्र सरकार ने 75वें गणतंत्र दिवस समारोह पर निर्देश जारी किया है कि पूरे देश में वाद्य यंत्रों के साथ सूर्य नमस्कार करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। 30 राज्यों, 30,000 संस्थानों में तीन लाख छात्रों को शामिल करके 75 करोड़ सूर्य नमस्कार के लक्ष्य को प्राप्त करने की योजना है। उन्होंने कहा, हम यह कहना चाहते हैं कि सूर्य नमस्कार भक्ति योग अभ्यास है जिसमें सूर्य को प्रणाम करना और मंत्रों का जाप करना शामिल है। इस्लाम किसी भी रचना की पूजा या भक्ति के किसी भी कार्य को दृढ़ता से प्रतिबंधित करता है।

इसलिए यह मुस्लिम बच्चों के मौलिक और संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन होगा कि वे इस संबंध में अपेक्षा करें या उनसे भाग लेने के लिए कहें। उन्होंने कहा कि सरकार को एक समुदाय की धार्मिक प्रथाओं को दूसरे पर लागू नहीं करना चाहिए क्योंकि यह धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों का उल्लंघन है और समानता, न्याय और स्वतंत्रता की भावना के खिलाफ है।

(आईएएनएस)

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