ग्रामसभा से ‘आदिवासियों का स्वशासन’ मजबूत करना जरूरी

गड़चिरोली ग्रामसभा से ‘आदिवासियों का स्वशासन’ मजबूत करना जरूरी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-14 10:20 GMT
ग्रामसभा से ‘आदिवासियों का स्वशासन’ मजबूत करना जरूरी

डिजिटल डेस्क, चामोर्शी (गड़चिरोली)। अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित क्षेत्र के सार्वंगीण विकास की दृष्टि से तथा आदिवासियों की प्रथा, परंपरा तथा आदिवासी संस्कृति का जतन, संवर्धन करने के लिए पेसा कानून अंतर्गत ग्रामसभा के माध्यम से आदिवासियों की स्वशासन व्यवस्था मजबूत करने की आवश्यकता है। उक्ताशय के विचार चामोर्शी पंचायत समिति के संवर्ग विकास व आईएएस अधिकारी मुरूगनंतन ने  व्यक्त किए।  पंचायत समिति चामोर्शी व ग्राम पंचायत पाविमुरांडा के संयुक्त तत्वावधान में मुतनुर स्थित देवस्थान सभागृह में सामूूहिक वनाधिकार मान्यताप्राप्त ग्रामसभाओं को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना अंतर्गत अमल यंत्रणा के रूप में घोषित करने, अनुसूचित क्षेत्र के विस्तार कानून पर अमल करने, अनुसूचित जनजाति व अन्य पारंपरिक वननिवासी सामूहिक वनाधिकार के लिए दावा करने संदर्भ में चर्चा करना तथा अध्यक्ष की अनुमति से आनेवाले विषय पर पेसा अंतर्गत  शनिवार 12 फरवरी को ग्रामसभा का आयोजन किया गया। इस समय प्रमुख मार्गदर्शक के रूप में वह बोल रहे थे। कार्यक्रम में अध्यक्ष के रूप में गांव पटेल शत्रुजी नरोटे उपस्थित थे। उदघाटन सरपंच माधुरी आतला के हाथों किया गया। प्रमुख अतिथि के तौर पर तहसील पशुधन विकास अधिकारी सागर डुकरे, उपसरपंच विनोद कोंदामी, विस्तार अधिकारी कालबांधे, पेसा वनहक्क समन्वयक कल्पना म्हशाखेत्री, पूर्व सरपंच भाऊराव कुमरे, कालिदास आतला, जीवन कुमरे, ग्रामसेवक भारत सरपे, मुरखला के ग्रामविकास अधिकारी वाई. वाई. मुले, मुरमुरी के ग्रामसेवक प्रवीण रामटेके, ग्रामसेवक कासर्लावार उपस्थित थे। 

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