योजना को ठीक से लागू करना भी केंद्र की जिम्मेदारी

कोर्ट ने कहा योजना को ठीक से लागू करना भी केंद्र की जिम्मेदारी

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-27 10:11 GMT
योजना को ठीक से लागू करना भी केंद्र की जिम्मेदारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय को उनके कर्तव्य की याद दिलाते हुए कहा है कि मंत्रालय द्वारा लांच की गईं योजनाएं देश की अर्थव्यवस्था को संवारने में अहम भूमिका रखती हैं। ऐसे में वित्त मंत्रालय यदि किसी योजना की घोषणा करता है, तो उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि योजना प्रभावी रूप से लागू हो और उसका लाभ जरूरतमंद व्यक्ति तक भी पहुंचे। इसी निरिक्षण के साथ हाईकोर्ट ने मंत्रालय को नागपुर की नागराज स्टील स्क्रैप और नागराज अलॉय प्रा.लिमि. कंपनियों के कर्ज आवेदन पर एक माह के भीतर फैसला लेने के आदेश दिए हैं।

कोविड राहत पैकेज से जुड़ा है मामला
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण उद्योग जगत की स्थिति बुरी हो गई थी।  खास कर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग बुरी तरह चरमरा गए थे। इस बुरे दौर से  उद्योगों को उभारने के लिए उन्हें गारंटी मुक्त लोन देने हेतु केंद्र  सरकार ने मई 2020 में  3 लाख करोड़ रुपए के प्रावधान वाली "इमरजेंसी  क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम" (ईसीएलजीएस) शुरू की। जिसके तहत जिसके तहत  उद्योगों को बैंकों और िवत्तीय संस्थाओं से आसान प्रक्रिया के  तहत कर्ज उपलब्ध कराया जाना था। बैंकों और वित्तीय संस्थाओं की सुरक्षा के  लिए सरकार स्वयं गारंटी प्रदान करती। बैंकों के मामले में यह कर्ज एक  अतिरिक्त "टर्म वर्किंग कैपिटल सुविधा" के रूप में दिया जाना था।  वहीं नॉन  बैंकिंग फायनांशियल कंपनी (एनबीएफसी) के मामले में ये कर्ज अतिरिक्त टर्म  लोन की सुविधा के रूप में दिया जाना था। ईसीएलजीएस योजना सरकार के बहुप्रत्याशित आत्मनिर्भर भारत अभियान का ही एक हिस्सा थी। याचिकाकर्ता के अनुसार इस योजना के तहत लाभ के लिए उन्होंने 8 अगस्त 2020 को इंडसइंड बैंक आवेदन किया। लेकिन बैंक ने उनका आवेदन लंबित रखा। जिससे परेशान हो कर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली। याचिकाकर्ता की ओर से एड. श्रीरंग भंडारकर ने पक्ष रखा।


 

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