बकरे की कुर्बानी छोड़ हरदा के मोहम्मद सलीम ने की बाढ़ पीड़ितों की मदद
बकरे की कुर्बानी छोड़ हरदा के मोहम्मद सलीम ने की बाढ़ पीड़ितों की मदद
डिजिटल डेस्क, भोपाल। केरल में बाढ़ ने ज़बरदस्त तबाही मचाई है। सैकड़ों लोगों की जानें जा चुकी हैं और लाखों लोगों को अपना घर छोड़कर अस्थाई राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। सरकार तो बाढ़ पीड़ितों की मदद कर ही रही है, साथ ही कई सामाजिक संगठन भी मदद के लिए सामने आए हैं। इस बीच मध्य प्रदेश के हरदा में फेब्रिकेशन का कारखाना चलाने वाले मोहम्मद सलीम खान ने ईद पर बकरे की कुर्बानी छोड़ बाढ़ पीड़ितों की मदद करने का फैसला लिया है। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 25 हजार रुपए का चैक भी उन्होंने दिया है।
मोहम्मद सलीम खान उर्फ बाबू भाई ने कहा कि वह केरल में आई प्राकृतिक आपदा से बेहद दुखी है और इसी वजह से उन्होंने ईद पर कुर्बानी न देने का फैसला लिया है। वह बाढ़ पीड़ितों की मदद करना चाहते है। उन्होंने मंगलवार सुबह हरदा के कलेक्टर एस विश्वनाथन को 25 हजार रुपए का चैक सौंपा है। मोहम्मद सलीम कहते है कि इस्लाम में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि अगर कोई शख्स बकरे की कुर्बानी देने के बजाय लोगों की मदद करना चाहता है तो वह ऐसा कर सकता है। इससे अल्लाह पाक खुश होगा और उन्हें खूब सवाब मिलेगा।
जमशेदपुर में अल्लामा मंजर मोहसिन ने भी मुसलमानों से अपील की है कि वो नफली कुर्बानी कराने के बजाए उसका पैसा जमा कर केरल के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए भेज दें। इस काम से अल्लाह पाक खुश होगा और उन्हें खूब सवाब मिलेगा। मौलाना ने कहा कि हैसियत मंद शख्स पर एक बकरा या दुंबा की कुर्बानी वाजिब है।
इससे पहले साल 2017 में बिहार के भागलपुर जिले में भी एक मुस्लिम परिवार ने इस बकरीद पर बकरे की कुर्बानी देने के बजाय उस पैसे से बाढ़ पीड़ित लोगों की मदद करने का फैसला लिया था। इस परिवार ने बकरे खरीदने के लिए रखे 60 हजार रुपए से राहत सामग्री खरीद कर बाढ़ पीड़ितों के बीच सामान बांट दिया था। दरअसल 65 वर्षीय किसान मोहम्मद कमरुज्जमा कोसी क्षेत्र में आई बाढ़ की तबाही देख कर विचलित थे। जिसके बाद उन्होंने कुर्बानी नहीं देने और इस पैसे से बाढ़ पीड़ितों की मदद का संकल्प लिया था।