कोरोना के दौर में पैरोल पर छूटे कैदियों को कारागृह से आया बुलावा
15 दिन का अल्टीमेटम कोरोना के दौर में पैरोल पर छूटे कैदियों को कारागृह से आया बुलावा
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। वर्ष 2020 कोरोना के दौर में जेल में कैदियों की संख्या कम करने के उद्देश्य से वरिष्ठ स्तर पर निर्णय होकर सजायाफ्ता कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था। चंूकि अब कोरोना का असर कम होने सेे राज्य सरकार ने सभी कैदियों को जेल में लाने का निर्णय लिया। इसके तहत चंद्रपुर कारागृह से पैरोल पर छूटे 13 कैदियों को बुलावा भेजा गया है। उन्हें पत्र देकर 15 दिन के भीतर बुलाया गया है।
गौरतलब है कि, दो वर्ष पहले कोरोना संक्रमण के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए चंद्रपुर जिला कारागृह में कैद कैदियों की संख्या कम करने के उद्देश्य से न्यायालय के आदेशानुसार 13 कैदियों को पैरोल (संचित अवकाश) पर छोड़ा गया था। पिछले वर्ष अक्टूबर महीने से कोरोना का संक्रमण तेजी से कम हो गया। अब चंद्रपुर जिला कोरोना मुक्ति की सूची में शामिल है। लेकिन कोरोना काल में पैराेल पर छोड़े गए 13 कैदी अभी तक मध्यवर्ती कारागृह में वापस नहीं लौटे। जेल मुख्यालय से पैरोल पर छोड़े गए कैदियों को वापस लाने के निर्देश मिलते ही चंद्रपुर कारागृह प्रशासन ने संबंधितों के साथ क्षेत्र के पुलिस थाना, एसडीपीओ को पत्र दिया। कारागृह के 13 कैदी चंद्रपुर, गड़चिरोली जिला निवासी है।
बता दें कि, कोरोना काल में जेल में सजा भुगतनेवाले कैदी भी बड़ी संख्या में कोरोना की चपेट में आ रहे थे। इस कारण राज्य सरकार के निर्देशानुसार कैदियों की संख्या कम करने उन्हें पैराेल पर छोड़ने के आदेश दिए गए थे। इस आदेश के तहत कैदियों की मांग के अनुसार 13 कैदियों को उस समय पैरोल मंजूर की गई थी। नियम के अनुसार पैरोल का अवकाश 45 दिन का रहता है। कैदी की अर्जी पर उसे कुछ दिन की छूट भी मिल जाती है। लेकिन कोरोना काल में पैरोल पर छोड़े गए कैदियों को जेल में वापस बुलाने के किसी प्रकार के निर्देश सरकार की ओर से अभी तक नहीं मिलने से पैरोल पर छोड़े गए कैदी सरेआम बाहर घूम रहे थे। ऐसे में इस माह इन कैदियों को कारागृह में वापस लाने के आदेश वरिष्ठ स्तर से आते ही अब कैदियों को 15 दिन के भीतर जेल में लाने के निर्देश दिए गए हैं।
होगी आरटीपीसीआर जांच : अपनी बाकी सजा कारागृह में काटने हेतु दाखिल होने के पूर्व संबंिधत कैदियों को सरकारी अस्पताल में अपनी कोरोना आरटीपीसीआर जांच करनी होगी। उसकी रिपोर्ट लेकर दाखिल होना होगा। पत्र प्राप्त होने के 15 दिन के भीतर वे कारागृह में नहीं लौटते हैं तो उन पर संबंधित थाने में धारा 224 के तहत अपराध दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करके लाया जाएगा।