गड़चिरोली में तीन वर्ष में 17 लोगों को लील गया मलेरिया
जनजागरण के बावजूद प्रकोप गड़चिरोली में तीन वर्ष में 17 लोगों को लील गया मलेरिया
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। मलेरिया के लिए अतिसंवेदनशील माने गये गड़चिरोली जिले में इसका प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि मलेरिया प्रतिबंधक विभाग के साथ स्वास्थ्य विभाग इसे जड़ से मिटाने पुरजोर कोशिश कर रहा है, लेकिन सरकारी आंकड़े चौकाने वाले तथ्य उजागर कर रहे हैं। पिछले तीन वर्ष की कालावधि में मलेरिया ने कुल 17 लोगों को मौत का ग्रास बनाया है। वहीं इसी कालावधि में कुल 20 हजार 600 लोगों को मलेरिया से जूझना भी पड़ा। मलेरिया पर नियंत्रण रखने के लिए जिले के सभी अस्पतालों के माध्यम से लोगांे में जनजागरण करने का कार्य लगातार जारी है, बावजूद इसके मलेरिया का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। विभााग ने 1 से 30 अप्रैल की कालावधि में मलेरिया पर प्रतिबंध लगाने विशेष
जनजागरण मुहिम आरंभ की है।
बता दें कि, जिले की एटापल्ली और भामरागढ़ तहसील में हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में मलेरिया पीड़ित मरीज पाए जाते हंै। मलेरिया की रोकथाम के लिए विभाग द्वारा नाली में दवाइयों के छिड़काव के साथ मच्छरदानी का वितरण और मरीजों की निरंतर स्वास्थ्य जांच करवायी जाती है। वर्ष 2020 में विभाग ने जिलेभर से 6 लाख 61 हजार 169 रक्त के नमूने इकट्ठा किये। इनमें से 6 हजार 485 व्यक्ति मलेरिया से ग्रस्त पाये गये। 2020 में 6 लोगांे की मृत्यु भी मलेरिया से हुई थी। वहीं वर्ष 2021 में 8 लाख 75 हजार 134 रक्त नमूनों में से 12 हजार 326 रक्त नमूने दूषित पाये गये। इस वर्ष 8 लोगांे की मृत्यु हुई। जबकि वर्ष 2022 में मार्च के अंत तक 2 लाख 74 हजार 789 रक्त नमूने जमा किये गये। इनमें से 1 हजार 789 मरीज मलेरिया से पीड़ित पाये गये। मार्च अंत तक 3 लोगों की मृत्यु मलेरिया से हुई है। मलेरिया के लगातार बढ़ रहे प्रकोप को कम करने के लिए गांवों में जनजागरण का कार्य आरंभ किया गया है। आगामी 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाएगा। इसी के लिए 1 से 30 अप्रैल की कालावधि में विभाग द्वारा जिले में विशेष जनजागरण मुहिम चलायी जा रही है।