प्रशासन की अनदेखी : नेली वासियों ने खुद ही बना दी नाले पर अस्थायी पुलिया
गड़चिरोली प्रशासन की अनदेखी : नेली वासियों ने खुद ही बना दी नाले पर अस्थायी पुलिया
डिजिटल डेस्क, अहेरी, (गड़चिरोली)। देश की आजादी को 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में समूचा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। मात्र इसी दौरान जिले के आदिवासी ग्रामीण आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसते नजर आ रहे हैं इसका जीता जागता उदाहरण धानोरा तहसील के पेंढ़री समीपस्थ कनेली गांव में देखा गया। इस वर्ष लगातार हो रही बारिश के कारण गांव से सटा नाला पार करने और अन्य गांवों से जरूरतमंद सामग्री लाने में हो रही दिक्कत को देख गांव के आदिवासियों ने स्वयं श्रमदान किया और इस नाले पर बांस और लकड़ियों की मदद से अस्थायी पुल बना डाला। अब गांव के नागरिक बारिश के दिनों में भी अन्य गांवों में जाकर रोजमर्रा की सामग्री खरीद सकते हंै। गांव के नागरिकों ने गांव से सटे नाले पर पुल का निर्माणकार्य करने की मांग प्रशासन से लगातार की है। मात्र इस ओर किसी का ध्यान नहीं होने से बारिश के चार महीने तक गांव के लोगों का दुनिया से संपर्क कट जाना पड़ता है। बारिश के दिनों में अन्य गांवों में पहुंचना भी काफी कठिन होता था। इसी कारण सोमवार को ग्रामीणों ने जंगल से लकड़ियों और बांस इकट्ठा कर नाले पर अस्थायी रूप से पुल का निर्माणकार्य किया।
आज समूचा देश आजादी का अमृत महोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मना रहा है। लेकिन जिले के कनेली जैसे गांव आज भी स्वाधीनता से वंचित है। कनेली में आज भी विकास की गंगा पहुंच नहीं पायी है। गांव में पीने का शद्ध पानी, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। अपातकालीन स्थिति में नाले के कारण गांव तक एम्बुलेंस अथवा किसी भी प्रकार का वाहन पहुंच नहीं पाने से मरीजों को अनायस ही मौत का ग्रास बनना पड़ता है। यह नाला गांव के लिए पूरी तरह अभिशाप बना हुआ है। नाले पर पुल का निर्माणकार्य करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने अब तक तहसील और जिला स्तर के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे। लेकिन इन ज्ञापनों पर किसी अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। तब कनेली के ग्रामीणों ने अपनी समस्या का खुद ही निवारण करने का ठानकर नाले पर श्रमदान से पुल का निर्माणकार्य किया। सोमवार सुबह से पुल का निर्माणकार्य आरंभ किया गया जो शाम होते-होते पूर्ण कर लिया गया। अब गांव के नागरिक मूसलाधार बारिश में भी इस नाले को पार कर सकेंगे। ग्रामीणों काे जरूरतमंद सामग्रियों समेत स्वास्थ्य की सुविधाएं भी समय पर मिलेंगी। उल्लेखनीय है कि सरकार विकासकार्य पर करोड़ों खर्च कर रही, अमृत महोत्सव पर भी लाखों रुपए खर्च हो रहा है, लेकिन कनेली जैसे गांवों की ओर सरकारों का कोई ध्यान नहीं है।