साइबर क्राइम विभाग अपराध दर्ज न करे, तो और भी तरीके
कोर्ट ने कहा साइबर क्राइम विभाग अपराध दर्ज न करे, तो और भी तरीके
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि फेसबुक या अन्य किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जुड़ी शिकायतों पर यदि पुलिस एफआईआर दर्ज करके जांच करने से इनकार कर दे, तो पीड़ित के पास अन्य कई विकल्प खुले हैं। ऐसे मामले में सर्वप्रथम सीआरपीसी धारा 154(3) के तहत पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत की जा सकती है। यदि अधीक्षक भी शिकायत पर संज्ञान न ले, तो पीड़ित जेएमएफसी कोर्ट की शरण ले सकता है। इन प्रक्रियाओं का पालन किए बगैर वह सीधे हाईकोर्ट आकर एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी करने की प्रार्थना नहीं कर सकता।
जांच से किया इनकार
यवतमाल के वड़गांव निवासी अजय बोरेले ने हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता के अनुसार 7 नवंबर 2018 को उनके फेसबुक अकाउंट पर गीत उमेश जोबन ने एक आपत्तिजनक संदेश भेजा, जिससे उनकी और उनके परिवार की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। इससे आहत होकर उन्होंने वडगांव पुलिस थाने के साइबर क्राइम विभाग में शिकायत की, लेकिन थाना अधिकारी ने इसे असंज्ञेय अपराध बता कर जांच करने से साफ इनकार कर दिया। इसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट से प्रार्थना की कि वह पुलिस को जोबन के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के आदेश जारी करें। उक्त निरिक्षण के साथ हाईकोर्ट ने मामले का निपटारा कर दिया।