कैसे बनेंगे अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी, प्रतिभाओं को नहीं मिल रहा प्रोत्साहन
राज्य सरकार नहीं दे रही ध्यान कैसे बनेंगे अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी, प्रतिभाओं को नहीं मिल रहा प्रोत्साहन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब खिलाड़ी मेडल जीतता है, तो उससे देश के साथ-साथ उस राज्य का नाम भी रोशन होता है, जिस राज्य का वह निवासी होता है। इसके लिए हर राज्य सरकारें अपने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर रही हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार इसमें फिसड्डी साबित हो रही है। अभी तक पुरस्कार के तौर पर महज 1 करोड़ रुपए पर अटकी हुई है, जबकि अन्य राज्य करोड़ों रुपए दे रहे हैं। यहां अन्य सुविधाएं भी कम देने से प्रतिभावान खिलाड़ी बुलंदियों को छू नहीं पा रहे हैं।
नकद राशि देने की महाराष्ट्र ने की थी पहल
राज्य में खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए नकद राशि देने की शुरुआत महाराष्ट्र ने ही मिशन ओलिंपिक नाम से की थी। 25 लाख से शुरुआत करने के बाद अब यह राशि 1 करोड़ तक पहुंची है। महाराष्ट्र की इस पहल को अन्य राज्यों ने स्वीकार किया और वे अपनी पुरस्कार राशि बढ़ाते गए। अधिकारियों के अनुसार महाराष्ट्र में भी खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए नौकरी से लेकर अन्य आर्थिक मदद दी जाती है।
एशियन चैम्पियन को आर्थिक सहायता नहीं मिली
नागपुर की अल्फिया पठान बॉक्सिंग में पूरे विश्व में नाम कमा चुकी हैं। वर्ष 2019 में जूनियर श्रेणी में एशियन चैंपियन रह चुकी हैं। इस साल पोलैंड में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी वर्ल्ड यूथ वुमन बॉक्सिंग चैम्पियन का खिताब जीत चुकी हैं, लेकिन अभी तक उन्हें आर्थिक सहायता के नाम पर कुछ नहीं मिला है। इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है। अल्फिया के कोच ने बताया कि अप्रैल महीने में अल्फिया के लिए 3 लाख नकद राशि की घोषणा की गई है। अभी तक यह राशि मिली नहीं है।
खिलाड़ियों का भविष्य सुरक्षित रहना चाहिए
खिलाड़ियों का भविष्य सुरक्षित रहना जरूरी है, तभी वह खेल में रुचि लेंगे। सरकार की ओर से इनकी ओर ध्यान देकर आर्थिक सहायता बढ़ाने की जरूरत है। इससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जा सकेगा। -गणेश कोहले, उपाध्याक्ष, महाराष्ट्र कुश्तीगीर परिषद
निखार लाने आर्थिक सहायता जरूरी है
खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के लिए उन्हें आर्थिक सहायता की जरूरत ज्यादा होती है। ऐसे में उनके लिए बाकी राज्य की तरह यहां भी सुविधा उपलब्ध होना जरूरी है। -गणेश पुरोहित, बॉक्सिंग कोच
कोच को भी मिले प्रोत्साहन
सरकार की ओर से प्रोहत्सान राशि बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि खिलाड़ियों में किसी तरह का असमंजस न रहे। अन्य राज्यों में खिलाड़ियों के साथ कोच को भी प्रोत्साहित किया जाता है। यहां कोच को प्रोत्साहित नहीं किया जाता है। इस बात पर भी ध्यान देना जरूरी है। तभी खेल को बढ़ावा मिलेगा -विजय मुनीश्वर, खिलाड़ी (कोच) पैरालिंपिक\
गोल्ड मेडल के लिए थोड़ा कम है
हमारे यहां के खिलाड़ियों को अच्छी आर्थिक सहायता दी जा रही है। मिशन ओलिंपिक, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी आर्थिक सहायता, राज्य क्रीड़ा विकास निधि की तरह आर्थिक मदद दी जाती है। इसके अलावा नौकरी आदि में भी मौका दिया जाता है। गोल्ड मेडल लाने पर मिलने वाली राशि में थोड़ी कमी है। आने वाले समय में वह भी बढ़ सकती है। -सुधीर मोरे, डिप्टी डायरेक्टर, खेल विभाग पुणे