गृह मंत्रालय ने NIA को सौंपी जम्मू-कश्मीर एयरफोर्स स्टेशन ड्रोन हमले की जांच, आज होगी FIR
गृह मंत्रालय ने NIA को सौंपी जम्मू-कश्मीर एयरफोर्स स्टेशन ड्रोन हमले की जांच, आज होगी FIR
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर एयरफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले की जांच गृह मंत्रालय (MHA) ने मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी है। NIA, NSG अन्य सुरक्षा बलों के साथ 27 जून को हुए दो विस्फोटों के बाद जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पहुंचने वाली पहली एजेंसियों में से एक थी। पूरी जांच को अपने हाथ में लेते हुए, NIA जम्मू टीम द्वारा इस मामले में FIR दर्ज किया जाएगा।
हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहले ही जम्मू हवाई अड्डे पर विस्फोट को लेकर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत FIR दर्ज कर ली थी और इसकी जांच शुरू कर दी थी। प्रारंभिक जांच के आधार पर दोनों हमलों को "सुनियोजित साजिश" कहा गया है। FIR में कहा गया है कि साजिश "राष्ट्रीय हवाई संपत्ति" को निशाना बनाने और देश की "राष्ट्रीय सुरक्षा" को चुनौती देने के लिए की गई है।
इस हमले के बाद लगातार तीसरी बार ड्रोन को देखा गया। सोमवार रात को जम्मू के सुंजवान मिलिट्री स्टेशन के पास ड्रोन को देखा गया था।रत्नुचक सुंजवान मिलिट्री स्टेशन के पास तीसरे दिन ड्रोन देखे जाने के बाद हड़कंप मच गया। सुरक्षा बल के जवानों समेत एजेंसियां पर अलर्ट हो गईं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुरक्षाकर्मियों ने सोमवार देर रात में करीब तीन बार अलग अलग जगहों पर ड्रोन को उड़ता हुआ पाया।
देश में अपनी तरह के पहले आतंकवादी हमले के लिए, 26-27 जून की मध्यरात्रि में भारत में महत्वपूर्ण सैन्य जगहों पर बम गिराने के लिए दो ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। उच्च सुरक्षा वाले जम्मू वायु सेना स्टेशन पर पांच मिनट के अंतराल के भीतर लगातार दो विस्फोट हुए, जिसमें तकनीकी क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात दो कर्मी घायल हो गए।
दोपहर 1.37 बजे और 1.42 बजे हुए दो बैक-टू-बैक विस्फोटों में वायु सेना के दो जवान घायल हो गए। एक इमारत की छत क्षतिग्रस्त हो गई, लेकिन विस्फोटक उपकरण पास के विमान हैंगर से चूक गए। हमले में कोई कीमती उपकरण क्षतिग्रस्त नहीं हुआ। वायु सेना स्टेशन पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर निकटतम बिंदु से लगभग 14-15 किमी दूर है। जम्मू क्षेत्र में आईबी और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के भारतीय हिस्से में अब तक पाकिस्तान से एक ड्रोन सबसे दूर 12 किमी आया है।
अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों पर वायु सेना स्टेशन पर हमला करने के लिए मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) का इस्तेमाल करने का संदेह है। वायु सेना स्टेशन पर हमला जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा जम्मू में लगभग 5 किलोग्राम वजन वाले तात्कालिक विस्फोटक उपकरण के साथ लश्कर-ए-तैयबा के एक कथित ऑपरेटिव को गिरफ्तार करने के कुछ घंटों बाद हुआ। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने रविवार को दोहरे विस्फोट को आतंकवादी हमला करार दिया।