गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का कमलनाथ पर निशाना, कहा- अपने विधायकों का हिसाब रखिए कमलनाथ जी
मध्य प्रदेश गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का कमलनाथ पर निशाना, कहा- अपने विधायकों का हिसाब रखिए कमलनाथ जी
डिजिटल डेस्क, भोपाल। गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को सतना जिले की रैगांव और पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्रों में आमसभा करने से पहले प्रेस ब्रीफिंग में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा, हमसे 15 साल का रोज हिसाब मांगने वाले अपने विधायकों का हिसाब नहीं रखते हैं। कमलनाथ जी का गणित बिगड़ता जा रहा है। अगर ऐसा ही रहा तो 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का भूगोल बिगड़ जाएगा। इसलिए थोड़ी चिंता कीजिए कमलनाथ जी। अपने विधायकों का हिसाब रखिए। अब तक 27 जा चुके हैं। गौरतलब है कि कमलनाथ ने ट्विटर पर लिखा था, " मैं तो रोज़ जनता के बीच अपना 15 माह का हिसाब रख रहा हूं लेकिन शिवराज जी अपने 17 वर्ष पर बात ही नहीं करना चाहते हैं"
मै तो रोज़ जनता के बीच अपना 15 माह का हिसाब रख रहा हूँ लेकिन शिवराज जी अपने 17 वर्ष पर बात ही नही करना चाहते है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 25, 2021
वहीं, कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के बेटे करण मोरवाल की गिरफ्तारी को लेकर डॉ मिश्रा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, मैंने करण मोरवाल को दिवाली के पहले गिरफ्तार करने का बोला था। कल (सोमवार) पुलिस ने कई जगहों पर दबिश दी। मक्सी के पास से आरोपी करण मोरवाल को गिरफ्तार किया गया है। मोरवाल पर 25 हजार का इनाम रखा गया था। डॉ मिश्रा ने कहा, करण मोरवाल की गिरफ्तारी हमारी जिम्मेदारी थी। लेकिन, यहां एक बात निकलकर सामने आई है कि दुष्कर्म पीड़िता से बीते 6 महीने में कांग्रेस के किसी भी नेता ने बात तक नहीं की। कोई भी कांग्रेसी पीड़िता से मिलने नहीं आया। ये वे लोग हैं जो उत्तर प्रदेश में नारी के हक की बात करते हैं। मध्य प्रदेश में प्रियंका जी के दो नेता कमलनाथ जी और दिग्विजय सिंह जी विवेक तन्खा को फोन करते हैं और करण मोरवाल को बचाने की बात कहते हैं। ये कांग्रेस के दोहरे चेहरे को उजागर करता है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लेकर डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा, भाजपा के लोग अगर कहते हैं कि जनता के लिए जान लगा देंगे, तो ऐसा होता भी है। हिन्दुस्तान के इतिहास में कोई गृहमंत्री ऐसा नहीं है जो सीआरपीएफ के कैंप में रात बिताता है। ये मनोबल बढ़ाने के दृष्टि से कितना बड़ा काम है। हमारे प्रधानमंत्री सियाचीन में जाकर दिवाली बनाएं। गृहमंत्री सीआरपीएफ के कैंप में रात बिताए। ये होता है देश के लिए समर्पण। कथनी करनी में अंतर है। मैं कमलनाथ जी और दिग्विजय जी से कहूंगा कि वे अपने दोस्त फारुख अब्दुल्ला से बोले कि वे बिना सुरक्षा के लाल चौक जाकर दिखा दें।