लॉकडाउन में हार्ट, डायबिटीज के मरीजों ने 2-3 माह की दवाएं खरीदी
लॉकडाउन में हार्ट, डायबिटीज के मरीजों ने 2-3 माह की दवाएं खरीदी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। 22 मार्च को लॉकडाउन होने पर दवाओं की खरीदी एकदम से दोगुना हो गई थी ऐसा करीब 7 दिन तक चला इसमें नियमित रूप से खरीदी जाने वाली हार्ट और डायबिटीज की दवाएं ऐसी थी जो लोगों ने 2-3 महिने की एकसाथ खरीदीं। नागपुर में करीब 3 हजार दवा के रिलेटर व्यापारी ने सामान्य दिनों की अपेक्षा नियमित लगने वाली दवाओं को दोगुना बैचा। वहीं, फिलहाल स्थिति सामान्य हो गई है क्योंकि दवा बाजार खुले होने के कारण लोगों को नियमित रूप से खुल रहा है।
जानकारी के अनुसार जैसे ही लॉकडाउन हुआ तो लोग दवाओं के लिए चिंतित होने लगे और नियमित रूप से लगने वाली दवाओं को 2 से 3 माह की खरीदकर रख ली जिससे आगे कोई परेशानी ना हो। इस समय टांसर्पोट की समस्या को लेकर भी समस्या बनी हुई थी क्योंकि दवाओं की खपत बढ़ने के साथ ही आने की समस्या खड़ी हो रही थी लेकिन बाद में उसे सुचारु कर दिया गया। इससे माल आने-जाने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो रही है।
मॉस्क, सेनेटाइजर भी मिलने लगा
शुरुआत में एन-95 मॉस्क नहीं मिल रहे थे क्योंकि अचानक से डिमांड बढ़ गई थी ऐसे में समस्या आ रही थी। दूसरी ओर थ्री प्लाई के मॉस्क की भी समस्या खड़ी हो गई थी क्योंकि उसकी भी डिमांड ज्यादा थी। तभी सरकार ने उसकी कीमत 16 रुपए फिक्स कर दी जिससे कुछ होलसेलर को समस्या खड़ी हो गई क्योंकि उन्होंने 15 रुपए में मॉस्क खरीदा था और उसके ट्रांसपोर्टेशन के अलावा रिटेलर काे उसमें कितनी आय होगी इसको लेकर समस्या खड़ी हो गई थी। हालांकि अब डिमांड अधिक होने के कारण मॉस्क और सेनेटाइजर बढ़ी मात्रा में बनाए जा रहे है, जिससे कुछ दिनों बाद कमी नहीं पड़ेगी।
इनका कहना है
शुरुआत में कुछ दवाओं की डिमांड बढ़ी अब काफी हद तक सामान्य हो गया है। मॉस्क और सेनेटाइजर की डिमांड हुई तो लोकल लेवल पर उनको बनाना भी चालू हो गया है। धीरे-धीरे हमें कपड़े के मॉस्क बैचने पर पाबंदी है ऐसे सड़क पर बैचने वालों पर भी लगना चाहिए। वह कीमत भी ज्यादा वसूलते है।
हेतल ठक्कर, सचिव, नागपुर डिस्ट्रिक्ट कैमिस्ट एडं ड्रगिस्ट एसोसिएशन