हाईकोर्ट ने डीजीपी से पूछा- दुष्कर्म के किन-किन मामलों में नहीं कराई गई डीएनए जांच
हाईकोर्ट ने डीजीपी से पूछा- दुष्कर्म के किन-किन मामलों में नहीं कराई गई डीएनए जांच
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाईकोर्ट ने प्रदेश के डीजीपी से पूछा है कि 30 जून 2018 के बाद दुष्कर्म के किन-किन मामलों में पीड़ितों की डीएनए जांच नहीं कराई गई है। जस्टिस जेपी गुप्ता की एकल पीठ ने डीएनए जांच नहीं कराने वाले विवेचना और पर्यवेक्षण अधिकारियों के नाम भी बताने को कहा है, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। इन मामलों के साथ रीवा के जनेह थाने के एसआई पवन कुमार शुक्ला के मामले पर भी विचार किया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को नियत की है।
रीवा के सूरजपाल ने लगाई है याचिका
रीवा निवासी सूरजपाल आदिवासी की ओर से जमानत याचिका लगाई गई थी। याचिका में कहा गया कि उसके खिलाफ रीवा के जनेह थाने में धारा 450, 397, 302, 376 (1) (जी) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। इस मामले में 8 दिसंबर 2016 को चालान पेश कर दिया गया है। निचली अदालत में आरोपी के खिलाफ सुनवाई पूरी हो जाने के कारण जमानत आवेदन वापस ले लिया गया। सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि विवेचना अधिकारी एसआई पवन कुमार शुक्ला ने दुष्कर्म पीडि़त की डीएनए जांच कराने का प्रयास नहीं किया।
दुष्कर्म पीड़ित की डीएनए जांच कराने का आदेश
हाईकोर्ट ने 4 मई 2016 को राजा बर्मन उर्फ राहुल बनाम राज्य शासन के मामले में आदेशित किया था कि दुष्कर्म के मामलों में पीडि़त की डीएनए जांच कराई जाए। एकल पीठ ने शासकीय अधिवक्ता से यह बताने के लिए कहा था कि हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करने के लिए पुलिस अधिकारियों को क्या निर्देश दिए है। इसके साथ ही यह भी बताने के लिए कहा था कि हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करने के लिए क्या मैकेनिज्म डेवलप किया गया है। दुष्कर्म पीडि़तों की डीएनए जांच नहीं कराने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई थी।
दो बार जारी की गई गाइड लाइन, नहीं हुआ निर्देशों का उल्लघंन
शासकीय अधिवक्ता शशांक उपाध्याय की ओर से बताया गया कि एडीजी महिला अपराध की ओर से 30 जून 2018 को गाइड लाइन जारी कर सभी पुलिस अधिकारियों को दुष्कर्म पीडि़तों की डीएनए जांच कराने के लिए कहा गया है। 7 मार्च 2019 को दोबारा आदेश जारी कर सभी अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराया गया है। गाइड लाइन जारी होने के बाद ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, जिनमें डीएनए जांच नहीं कराई गई है। इसलिए किसी भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।
डीएनए जांच के लिए नहीं हुई ठोस कार्रवाई
राज्य शासन की रिपोर्ट देखने के बाद एकल पीठ ने कहा कि दुष्कर्म पीडि़त की डीएनए जांच कराने के लिए पुलिस विभाग ने केवल पत्र जारी किया है, इस संबंध में किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने के पहले डीजीपी से रिपोर्ट मांगना जरूरी है कि 30 जून 2018 के बाद दुष्कर्म के किन-किन मामलों में पीडि़तों की डीएनए जांच नहीं कराई गई। एकल पीठ ने डीएनए जांच नहीं कराने वाले विवेचना और पर्यवेक्षण अधिकारियों के भी नाम बताने के लिए कहा है, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।