कैंट चुनाव में ईवीएम, नोटा और शपथ-पत्र का प्रावधान क्यों नहीं - हाईकोर्ट ने  मांगा जवाब

कैंट चुनाव में ईवीएम, नोटा और शपथ-पत्र का प्रावधान क्यों नहीं - हाईकोर्ट ने  मांगा जवाब

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-04 07:36 GMT
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने रक्षा मंत्रालय , राज्य निर्वाचन आयोग, डायरेक्टर जनरल डिफेन्स इस्टेट, कैंट  बोर्ड के प्रेसीडेन्ट और सीईओ को नोटिस जारी कर पूछा है कि कैंट बोर्ड के चुनाव में ईवीएम, नोटा और शपथ-पत्र का प्रावधान क्यों नहीं है। जस्टिस आरएस झा और जस्टिस संजय द्विवेदी की युगल पीठ ने अनावेदकों से 18 जून तक जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। 

सदर निवासी लॉ स्टूडेन्ट साहिल अग्रवाल की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि दिसंबर 2019 में कैंट बोर्ड के चुनाव प्रस्तावित है। कैंटबोर्ड चुनाव केन्टोनमेन्ट इलेक्ट्रोरल रूल्स 2007 के तहत कराए जाते है। चुनाव के नियम पुराने होने की वजह से इसमें ईवीएम, नोटा और प्रत्याशियों की संपत्ति और आपराधिक प्रकरण के संबंध में शपथ-पत्र लिए जाने का प्रावधान नहीं है।

याचिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा गया है कि कई मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनाव में ईवीएम, नोटा और शपथ-पत्र का प्रावधान किए जाने का निर्देश दिया जा चुका है। इसके बाद भी कैंट बोर्ड के चुनाव पुराने तरीके से कराए जा रहे है। इससे चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। याचिकाकर्ता ने वर्ष 2015 में भी इस संबंध में जनहित याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार और कैंट बोर्ड को चुनाव में ईवीएम, नोटा और शपथ-पत्र का प्रावधान किए जाने के अभ्यावेदन पर विचार करने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक अभ्यावेदन पर विचार नहीं किया गया। अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने कहा कि निष्पक्ष और पारदर्शी निर्वाचन के लिए केन्ट बोर्ड चुनाव के ईवीएम, नोटा और प्रत्याशियों से शपथ-पत्र लिए जाने का प्रावधान किया जाए। इसके साथ चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग के जरिए कराए जाए। प्रांरभिक सुनवाई के बाद युगल पीठ ने केन्द्र सरकार, राज्य निर्वाचन आयोग, डायरेक्टर जनरल डिफेन्स इस्टेट,कैंट  बोर्ड प्रेसीडेन्ट और सीईओ को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।

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