गैंगरेप केस: हाथरस जाने से TMC सांसदों को पुलिस ने रोका, धक्कामुक्की में गिरे डेरेक ओ ब्रायन, गांव में विपक्ष-मीडिया की एंट्री बैन

गैंगरेप केस: हाथरस जाने से TMC सांसदों को पुलिस ने रोका, धक्कामुक्की में गिरे डेरेक ओ ब्रायन, गांव में विपक्ष-मीडिया की एंट्री बैन

Bhaskar Hindi
Update: 2020-10-02 07:34 GMT
गैंगरेप केस: हाथरस जाने से TMC सांसदों को पुलिस ने रोका, धक्कामुक्की में गिरे डेरेक ओ ब्रायन, गांव में विपक्ष-मीडिया की एंट्री बैन

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस गैंगरेप मामले को लेकर ना सियासत थम रही है और ना ही हंगामा। गांव के बाहर रस्साकस्सी का माहौल है। पूरे गांव पर सख्त पहरा है। मीडिया को गांव के बाहर ही रोक दिया है। इस बीच पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे टीएमसी सांसदों को भी पुलिस ने गांव के बाहर रोक दिया। सांसदों के इस प्रतिनिधिमंडल में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन भी मौजूद थे। टीएमसी के सांसदों और पुलिसकर्मियों में धक्कामुक्की भी हुई। इस धक्कामुक्की में डेरेक ओ ब्रायन जमीन पर गिर पड़े। 

टीएमसी ने अपने बयान में कहा, दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर की यात्रा करने वाले तृणमूल सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल को यूपी पुलिस ने हाथरस में प्रवेश करने से रोक दिया है। बयान में कहा गया, वे पीड़िता के परिवार के साथ एकजुटता व्यक्त करने और अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए अलग-अलग यात्रा कर रहे थे। हाथरस जाने से रोके गए नेताओं में तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन, डॉ. काकोली घोष दस्तीदार, प्रतिमा मंडल और पूर्व सांसद ममता ठाकुर शामिल थे।

बयान में कहा गया, हम शांतिपूर्वक हाथरस में परिवार से मिलने और अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। हम व्यक्तिगत रूप से यात्रा कर रहे हैं और सभी प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। हमारे पास कोई शस्त्र नहीं हैं। हमें क्यों रोका जा रहा है? यह किस तरह का जंगल राज है, जिसमें निर्वाचित सांसदों को एक पीड़ित परिवार से मिलने से रोका जा रहा है? 

राहुल गांधी को भी नहीं जाने दिया गया था
इससे एक दिन पहले गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी पीड़िता के परिवार से मिलने हाथरस जा रहे थे। लेकिन उन्हें भी पुलिस ने बीची में रोककर हिरासत में ले लिया था।इस दौरान भी पुलिस ने कांग्रेस नेताओं के बीच धक्कामुक्की हुई थी।

गांव में विपक्ष-मीडिया की एंट्री बैन
हाथरस में पीड़िता के गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पीड़िता के गांव में बाहरी लोगों, मीडिया और विपक्ष का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। जिले में धारा 144 लागू है। पुलिस प्रशासन ने पीड़िता के गांव जाने के सभी रास्ते सील कर दिए हैं।

सपा कार्यकर्ताओं का विरोध-प्रदर्शन
हाथरस गैंगरेप के विरोध में देशभर में प्रदर्शन जारी है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

हाथरस कांड के खिलाफ सपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर मौन व्रत रखकर प्रदर्शन किया। बाद में सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को शांत कराकर हटाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मानें, इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच नोकझोंक हो गई। हालात नियंत्रण से बाहर होते देख पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने का प्रयास किया। इस दौरान दो सौ से ज्यादा कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया।

सपा के सभी विधायक और एमएलसी पार्टी कार्यालय पर जुटे और पैदल मार्च शुरू किया। इस दौरान राजभवन चौराहे पर उन्हें पुलिस ने रोक दिया। उधर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर गांधी प्रतिमा की तरफ सपा विधायकों के हो रहे मार्च को रोक दिया। 

समाजवादी पार्टी के सभी विधायक पहले राज भवन चौराहे पर धरने पर बैठे थे। कई घंटे की धक्का-मुक्की के बाद सभी विधायक हिरासत में लिए गए। इसके बाद इन्हें इको पार्क भेज दिया गया। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, पूर्व विधायक इंदल रावत और सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल हिरासत में लिए गये। वहीं कई कार्यकर्ता लाठीचार्ज में घायल हुए हैं।

सपा का कहना है, प्रदेश में जंगलराज है। कानून-व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है।

योगी से मिलेंगे केंद्रीय मंत्री अठावले
केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास अठावले ने हाथरस की घटना की आलोचना करते हुए कहा, आरोपियों को जल्द और कठोर सजा मिले। उन्होंने कहा, वह पीड़िता के परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना देंगे।रामदास अठावले कल शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेंगे। इस दौरान रामदास अठावले मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग करेंगे।

वकील सीमा कुशवाह को भी रोका गया
निर्भया केस की वकील सीमा कुशवाह पीड़िता का केस लड़ने लिए उनके परिजनों से मिलने गांव जा रही थीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें भी रोक दिया। आरोप है कि, एडीएम ने उनके साथ बदसलूकी की।

हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने हाथरस की घटना का संज्ञान लिया है। कोर्ट ने 12 अक्टूबर तक ACS होम, DGP, ADG लॉ एंड ऑर्डर और हाथरस के DM और SP से जवाब मांगा है।

 

 

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