Guna: पीड़ित दंपती के बेटे ने कहा- मेरे माता-पिता ने जहर खाया तो अधिकारी बोले मरने दो इन्हें, मामले में 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड
Guna: पीड़ित दंपती के बेटे ने कहा- मेरे माता-पिता ने जहर खाया तो अधिकारी बोले मरने दो इन्हें, मामले में 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड
डिजिटल डेस्क, भोपाल/गुना। मध्यप्रदेश के गुना जिले में किसान दंपती पर लाठी भांजने के मामले में शिवराज सरकार के आदेश पर छह और पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। मामले में डीएम और एसपी को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं। जिसकी, जांच रिपोर्ट 30 दिन के भीतर सौंपी जाएगी। वहीं पीड़ित किसान दंपती के बेटे ने बताया कि उस दिन 150 के करीब अधिकारी आए थे। मेरे माता-पिता ने उनसे विनती की कि ये फसल काटने के बाद कार्रवाई की जाए, पर वो नहीं माने। मजबूर होकर मेरे माता-पिता ने जहर खा लिया। ऐसे में वे लोग बोले मरने दो इन्हें।
म.प्र.: गुना में पुलिस द्वारा मारपीट कर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया के दौरान एक किसान दंपति के कथित तौर से ज़हर खाने के मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट 30 दिनों के भीतर सौंपी जाएगी। https://t.co/Ciwz8T8Gtk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 16, 2020
गुना पुलिस अधीक्षक की ओर से जारी बयान के अनुसार मामले में कार्रवाई करते हुए उप निरीक्षक अशोक सिंह कुशवाह, आरक्षक राजेंद्र शर्मा, आरक्षक पवन यादव, महिला आरक्षक नीतू यादव और महिला आरक्षक रानी रघुवंशी को निलंबित कर दिया गया है। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार रात को ही गुना के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए हैं।
मंगलवार को हुआ था यह
बता दें कि एक सरकारी मॉडल कॉलेज के निर्माण के लिये निर्धारित सरकारी जमीन पर एक दलित किसान दंपती ने कब्जा कर रखा था। पुलिस टीम दंपती के कब्जे से जमीन छुड़ाने के लिए गई तो दोनों पति-पत्नी ने इस मुहिम के विरोध में कीटनाशक पी लिया। इसके बाद पुलिसकर्मी दोनों पति-पत्नी को लाठियों से मारते पीटते अस्पताल ले जाने लगे। इस दौरान दंपती के बच्चे पुलिसकर्मियों से उन्हें छोड़ देने की गुहार लगाते रहे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने एक न सुनी।
पुलिसकर्मी लगातार दोनों को पीटते रहे। पुलिस की इस बर्बता का वीडियो वायरल हो गया। कथित वीडियो में दिखाई दे रहा है कि पुलिस लाठी से एक आदमी को पीट रही है और उसकी पत्नी और अन्य लोग उसे बचाने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें महिला भी अपने पति के ऊपर लेट जाती है और महिला पुलिसकर्मी उसे मौके से हटाते हुए नजर आ रही हैं। फिलहाल दंपती को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उनकी हालत में सुधार है।
पुलिस ने लाठियां और लातें भी चलाईं
साइंस कॉलेज के लिए दी गई जमीन से कब्जा हटाने के दौरान एक दलित दंपती ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या का प्रयास किया था। यह घटना जगनपुर चक में मंगलवार दोपहर 2.30 बजे की है। दंपती अपने 7 बच्चों के साथ प्रशासनिक- पुलिस अफसरों के सामने हाथ जोड़ता रहा, उसका कहना था कि यह भूमि गप्पू पारदी ने उसे बटिया पर दी है। कर्ज लेकर वह बोवनी कर चुका है। अगर फसल उजड़ी तो बर्बाद हो जाएगा, लेकिन किसान की फरियाद किसी ने नहीं सुनी।
2 लाख कर्ज लेकर की बोवनी
किसान राजकुमार का कहना था कि उसने 2 लाख कर्ज लेकर बोवनी की है। इससे पहले का भी उस पर 2 लाख का कर्ज चढ़ा हुआ है। उसने पुलिस और प्रशासनिक अमले से अपील की कि यह कब्जा बाद में हटवा लें। लेकिन, टीम ने कब्जा हटवाना शुरू कर दिया और खड़ी फसल पर जेसीबी चला दी। इसके विरोध में मैंने और पत्नी ने जहर पी लिया और जमीन पर गिर पड़े। पुलिस ने हम पर जबरन लाठियां भांजी हैं। वहीं राजकुमार के छोटे भाई ने कब्जा हटाने का विरोध किया तो उस पर भी लाठियां भांजी गईं। जबकि, पुलिस अधिकारियों का कहना था कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है।
मामले की जांच के लिए कांग्रेस ने समिति बनाई
मध्य प्रदेश के गुना जिले में एक दलित परिवार के सदस्यों की पिटाई के मामले की जांच के लिए कांग्रेस ने जांच समिति बनाई है। यह समिति शुक्रवार को गुना जाएगी और अपनी रिपोर्ट प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ को सौंपेगी। साथ ही घटना की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति बनाई है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा के अनुसार, इस समिति में पूर्व मंत्री बाला बच्चन, रामनिवास रावत, जयवर्धन सिंह, पूर्व विधायक फूल सिह बरैया, कार्यवाहक प्रदेशाध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी, विधायक हीरा लाल अलावा और प्रदेश प्रवक्ता विभा पटेल को सदस्य बनाया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने की घटना की निंदा
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने गुना में दलित किसान परिवार के साथ पुलिस दुर्व्यवहार की घटना की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बड़े दुख की बात है कि आज मध्यप्रदेश की पहचान दलितों पर अत्याचार से होने लगी है। ये सरकार "सौदे की सरकार" है जो घटना घटी वह बहुत दुखद है, इस सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। बता दें कि पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी घटना का वीडियो शेयर किया था, जिसके बाद सियासी गलियारों में हलचल मच गई थी।
गृहमंत्री ने कमलनाथ पर साधा निशाना
पूर्व सीएम कमलनाथ के ट्वीट के बाद मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश में जब राहुल गांधी की सरकार थी तो प्री-पेड व्यवस्था से अधिकारी पोस्ट होते थे। यहां घटना (गुना मामला) की जानकारी मिलते ही क्लेक्टर, SP, IG बदल दिए। मप्र में कानून का राज है, उनके (कमलनाथ) यहां अपराधी पकड़े ही नहीं जाते थे, संरक्षण दिया जाता था।