दबंगों ने अधिकारियों से सांठगांठ कर दलित महिला सरपंच को पद से हटाया

दबंगों ने अधिकारियों से सांठगांठ कर दलित महिला सरपंच को पद से हटाया

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-16 08:54 GMT
दबंगों ने अधिकारियों से सांठगांठ कर दलित महिला सरपंच को पद से हटाया

डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर । जनपद पंचायत चांवरपाठा के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बिल्थारी की दलित महिला सरपंच न्याय की आस लिए भटक रही है। ग्राम के दबंगों ने अधिकारियों से सांठगांठ कर स्थानीय स्तर पर अविश्वास प्रस्ताव पारित करा लिया। मामले में शासन की महिला सशक्तिकरण की मंशा पर भी कुठाराघात हुआ है। अभी मामले में मतों की पुनर्गणना कर न्याय दिलाने की गुहार महिला सरपंच ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से लगाई है।
उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत में विकास कार्य नहीं किए जाने के को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाने का आरोप भी महिला सरपंच ने अपने आवेदन में किया है। 1 माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी मामले का निपटारा अभी नहीं हो सका है।
यह है मामला
बिल्थारी की सरपंच श्रीमती सुषमा पति सुधीर मेहरा ने बताया कि ग्राम पंचायत अन्तर्गत श्मशान घाट सहित अन्य कार्य नहीं किए जाने के आरोप लगाए गए। जिस पर तहसीलदार तेंदूखेड़ा ने जांच मेें आरोप झूठे पाए और प्रतिवेदन भेजा। इसके बावजूद भी अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई की गई।
6 जनवरी को हुआ खुला मतदान
सरपंच ने बताया कि 6 जनवरी को ग्राम पंचायत कार्यालय में सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें 9 पंच मौजूद थे। इस दौरान उन्हें बुलाकर रजिस्टर में हस्ताक्षर कराए। इस दौरान मतदान के लिए किसी तरह की गोपनीय व्यवस्था नहीं की गई। एक पंच श्रीमती सुधा श्रीवास ने कोरा मतपत्र डाला जिसे पीठासीन अधिकारी ने देखा तो वहां मौजूद पंच राजेन्द्र गंगईवारे ने उसे सही का निशान लगाकर लाने कहा।
अवैध मतों की भी कर दी गणना
मामले के संबंध में अधिवक्ता जगदीश पटैल ने बताया कि ग्राम पंचायत में 12 पंच एवं 1 सरपंच सहित कुल सदस्य संख्या 13 है। जिसके आधार पर दो तिहाई बहुमत के लिए 10 सदस्य जरूरी हैं। इस आधार पर अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 9 तथा 1 विपक्ष में मत डाले गए जिसके कारण अविश्वास प्रस्ताव विधि अनुसार पारित नहीं हुआ, इसके बावजूद अधिकारियों द्वारा सांठगांठ करके इसकी घोषणा कर दी गई।
मतों को लेकर भी संशय
एडवोकेट जगदीश पटैल ने बताया कि ग्राम पंचायत बिल्थारी के कार्यालय में हुए अविश्वास प्रस्ताव के मतदान में मतों को लेकर भी संशय है। वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष जब मतपत्र खोले गए तो और भी विसंगतियां सामने आई है। मामले में हुई गड़बड़ी को लेकर महिला सरपंच अपना पक्ष रख रही है।

 

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