राज्यपाल और त्रिवेदी की शिवाजी महाराज पर टिप्पणी से मचा घमासान
महाराष्ट्र राज्यपाल और त्रिवेदी की शिवाजी महाराज पर टिप्पणी से मचा घमासान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और भाजपा सांसद व प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी के छत्रपति शिवाजी महाराज पर की गई टिप्पणी से प्रदेश की राजनीति में घमासान मच गया है। विपक्षी महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों ने शिंदे-फडणवीस सरकार को घेर लिया है। रविवार को राकांपा, शिवसेना, कांग्रेस, मनसे, आप, मराठा क्रांति मोर्चा और कई संगठनों ने कोश्यारी और त्रिवेदी के विरोध में नागपुर, औरंगाबाद, मुंबई, ठाणे, कोल्हापुर, सोलापुर सहित कई जिलों में आंदोलन किया। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राऊत ने मुंबई में कहा कि शिवाजी महाराज का अपमान करने वाले राज्यपाल को तुरंत हटाया जाना चाहिए। राज्यपाल को हटाने के लिए शिंदे-फडणवीस सरकार को अधिकृत रूप से मांग करनी चाहिए। राज्यपाल ने बीते एक साल में चार बार शिवाजी महाराज का अपमान किया है। फिर भी राज्य की शिंदे सरकार चुप बैठी है। राऊत ने कहा कि भाजपा प्रवक्ता त्रिवेदी ने टिप्पणी की है कि शिवाजी महाराज ने मुगल बादशाह औरंगजेब से पांच बार माफी मांगी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तो शिवाजी महाराज को आदर्श मानते हैं। मोदी महाराष्ट्र में आकर शिवाजी महाराज की जय-जय कार करते हैं। ऐसे में त्रिवेदी का यह बयान भाजपा की अधिकृत भूमिका है क्या? राऊत ने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की भूमिका आश्चर्यजनक लग रही है। शिंदे ने स्वाभिमान का नारा देकर शिवसेना को तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बनाया है। अब भाजपा खुलेआम शिवाजी महाराज का अपमान कर रही है तो मुख्यमंत्री का स्वाभिमान कहां गया? शिंदे को शिवाजी महाराज के प्रति स्वाभिमान है तो वे सरकार में क्यों बैठे हैं? मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। राऊत ने कहा कि शिंदे गुट के लोग वीर सावरकर का अपमान करने वाले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की तस्वीरों पर जूता मार रहे थे। अब वह जूता कहां पर गया? यदि शिंदे-फडणवीस सरकार ने राज्यपाल को हटाने की मांग नहीं की तो शिवसेना बता देगी कि जूता क्या होता है और कैसे मारा जाता है? जबकि विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने ट्वीट करके कहा कि राज्यपाल के निंदनीय बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए। अजित ने कहा कि कोश्यारी को राज्यपाल पद पर तीन से अधिक समय हो गए हैं।
फिर भी राज्यपाल को शिवाजी महाराज और महाराष्ट्र की लोकभावना समझ में नहीं आ रही है तो उन्हें पद पर रहने के बारे में पुनर्विचार करना चाहिए। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि राज्यपाल की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। राज्यपाल को हटाने के लिए कांग्रेस की तरफ से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा जाएगा। बुलढाणा में पटोले ने कहा कि राज्यपाल को अमर्यादित टिप्पणी करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। यदि राज्यपाल ने माफी नहीं मांगी तो भाजपा के नेताओं को सड़कों पर घूमने नहीं दिया जाएगा। इसके पहले शनिवार को औरंगाबाद में राज्यपाल ने कहा था कि शिवाजी महाराज पुराने युग के आदर्श हैं। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितीन गडकरी नए युग के हीरो हैं। वहीं भाजपा प्रवक्ता त्रिवेदी ने एक न्यूज चैनल डिबेट में कहा था कि कांग्रेस सांसद राहुल ने वीर सावरकर के माफी मांगने की बात कही है। जहां तक माफी मांगने की बात है तो उस जमाने में बहुत से लोग जेल से बाहर निकलने के लिए एक फॉर्मेट में पत्र लिखकर माफी मांगते थे। शिवाजी महाराज ने मुगल बादशाह औरंगजेब पांच बार पत्र लिखा था तो इसका मतलब क्या?
शिवाजी महाराज ही आदर्श और हीरो रहेंगे - उपमुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुणे में कहा जब तक धरती पर चांद और सूरज है तब तक शिवाजी महाराज ही महाराष्ट्र और देश के आदर्श और हीरो रहेंगे। इसको लेकर किसी के मन में आंशका नहीं होनी चाहिए। राज्यपाल के मन में भी यह स्पष्ट है कि शिवाजी महाराज से बड़े आदर्श कोई हो नहीं सकते। इसलिए राज्यपाल के बातों का कोई दूसरा मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। फडणवीस ने मैंने भाजपा प्रवक्ता त्रिवेदी का बयान ध्यान से सुना है। त्रिवेदी ने कहीं पर नहीं कहा है कि शिवाजी महाराज ने माफी मांगी है।