राजनीतिक कारणों से बंद पड़े सरकारी धान खरीदी केंद्र!
आनलाइन पंजीयन भी बंद राजनीतिक कारणों से बंद पड़े सरकारी धान खरीदी केंद्र!
अमर गाड़गे | ब्रह्मपुरी ( चंद्रपुर)। पिंपलगांव स्थित धान खरीदी केंद्र का मुद्दा आघाड़ी सरकार के समय विधानभवन में गूंजा था। कई आरोप-प्रत्यारोप किए गए लेकिन महाविकास आघाड़ी सरकार रहने से यह सरकारी धान खरीदी केंद्र शुरू था। अब सत्ता परिवर्तन होते ही पिंपलगांव का सरकारी धान खरीदी केंद्र बंद होने से इसे राजनीतिक ग्रहण लगने की चर्चा शुरू है।
किसानों के धान फसल को उचित दाम मिले, निजी व्यापारी को कम दाम में धान न बेचना पड़े, इसके लिए सरकार ने समर्थन मूल्य धान खरीदी केंद्र शुरू किया है। लेकिन सरकार द्वारा यह धान खरीदी केंद्र शुरू करने को लेकर अनदेखी की जा रही है। इसका फायदा निजी व्यापारियों को हो रहा है। यह केंद्र बंद रहने से किसानों का काफी नुकसान हो रहा है। फिलहाल ब्रह्मपुरी तहसील में आधे से अधिक धान फसल की कटाई होकर बिक्री के लिए तैयार है। लेकिन किसान आधारभूत धान खरीदी केंद्र शुरू होने की राह देख रहे हैं। कुछ किसानों ने आर्थिक परेशानी के कारण निजी व्यापरी को धान बेच दिया है। पिछली वापसी की बारिश से किसानों का काफी नुकसान हुआ है। लेकिन सरकार को यह केंद्र शुरू करने कौन सी दुविधा है? ऐसा सवाल उपस्थित किया जा रहा है। पिछले ढाई वर्ष बोनस के नाम पर केवल आश्वासन ही मिला है। कुछ माह पूर्व राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ। अब किसानों को नई सरकार से बोनस के निर्णय पर क्रियान्वयन की अपेक्षा है।