कोरोना से जंग में पैसा खर्च नहीं कर रही सरकार : तावडे
कोरोना से जंग में पैसा खर्च नहीं कर रही सरकार : तावडे
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री विनोद तावडे ने प्रदेश सरकार पर कोरोना के संकट से निपटने के लिए पैसे खर्च नहीं करने का आरोप लगाया है। तावडे ने कहा कि राज्य में सरकार ने 31 मार्च से पहले सिंचाई और पीडब्लूडी विभाग के ठेकेदारों के बिल के पैसे मंजूर कर दिए हैं लेकिन पुलिस और सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर रही है। सरकार ऐसा कैसे कर रही है। इसका जवाब राज्य की जनता को सरकार से चाहिए। गुरुवार को तावडे ने कहा कि केंद्र सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों, विकलांगों और महिलाओं के बैंक खाते में पैसे दिए हैं। लेकिन महाराष्ट्र सरकार स्वास्थ्य विभाग के अलावा किसी और विभाग पर पैसे खर्च नहीं कर रही है। सरकार अनाज, खाने और किसी भी व्यवस्था के लिए पैसे नहीं उपलब्ध करा रही है।
कोरोना जांच के लिए जाना पड़ रहा नागपुर
तावडे ने कहा कि विदर्भ के अमरावती विभाग का बुलढाणा जिला कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया है। लेकिन पूरे अमरावती विभाग में कहीं पर कोरोना का टेस्ट नहीं हो पा रहा है। कोरोना जांच के लिए लोगों को नागपुर में भेजना पड़ता है। इससे मरीजों की रिपोर्ट आने में देरी होती है। इसलिए सरकार को यवतमाल और अमरावती के मेडिकल कॉलेज में कोरोना टेस्ट की सुविधा शुरू करनी चाहिए। तावडे ने कहा कि अमरावती के साबनपुरा इलाके के एक प्रार्थना स्थल में मरकज के 18 लोगों को आश्रय दिया गया था। इन लोगों को अभी कोरेंटाइन किया गया है लेकिन आश्रय देने वालों को अभी तक कोरेंटाइन नहीं किया गया है। उनके खिलाफ सरकार को जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।
पत्रकार की गिरफ्तारी निंदनीय
तावडे ने कहा कि बांद्रा पश्चिम रेलवे स्टेशन के पास भीड़ जुटने के मामले में पत्रकार को गिरफ्तार करना निंदनीय है। एक मराठी न्यूज चैनल की खबर को देखकर हजारों गैर मराठी लोगों की भीड़ जमा होने का दावा करना कौन सा शोध है। तावडे ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी निवास मातोश्री से चंद मिनटों की दूरी पर हजारों लोगों जुट गए और सरकार को पता नहीं चला। यह सरकार की नाकामी है। सरकार बताए कि इस मामले में क्या कार्रवाई की जाएगी। तावडे ने कहा कि विपक्ष किसी का इस्तीफा नहीं मांग रहा है। हम किसी को बदनाम नहीं कर रहे हैं। तावडे ने कहा कि नाका कामगारों का यूनियन किस वाम संगठन का है इसकी जांच करने पर बांद्रा की घटना की वास्तविकता सामने आ जाएगी।