रोबोटिक उपकरण खरीदी में सरकारी समिति लेगी निर्णय

न्यायालय ने दिया आदेश  रोबोटिक उपकरण खरीदी में सरकारी समिति लेगी निर्णय

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-25 07:19 GMT
रोबोटिक उपकरण खरीदी में सरकारी समिति लेगी निर्णय

डिजिटल डेस्क, नागपुर ।  शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) में रोबोटिक सर्जरी यूनिट स्थापित करने के लिए उपकरणों की आपूर्ति करने की जिम्मेदारी इंट्यूएटिव नामक कंपनी को दी गई है, लेकिन इस कंपनी द्वारा नूतनीकरण किया गया उत्पाद (रिफर्बिश्ड) शब्द का उपयोग करने से आपूर्ति की प्रक्रिया रुकी हुई है। इस बात को लेकर हाफकिन इंस्टीट्यूट व कंपनी में विवाद शुरू है। इस विवाद काे सुलझाने के लिए राज्य सरकार की समिति के पास न्याय की गुहार लगाने का आदेश मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने दिया है। 

कोर्ट में हुई सुनवाई
शहर के दो बड़े सरकारी अस्पताल मेडिकल व मेयो की व्यवस्था व वहां सुविधा-संसाधनों को लेकर मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका प्रलंबित है। इस पर सोमवार काे न्यायाधीश द्वय अतुल चांदेकर और एम. डब्ल्यू. चांदवानी के सामने सुनवाई हुई। मेडिकल में रोबोटिक सर्जरी यूनिट स्थापित के लिए उपकरण आने वाले हैं। निधि प्राप्त होने के बावजूद काम शुरू नहीं हुआ है। इस यूनिट के लिए जरूरी उपकरण काफी महंगे हैं। इसकी खरीदी की जिम्मेदारी नियमानुसार हाफकिन काे दी गई थी। इस कंपनी ने 21 करोड़ रुपए के उपकरण खरीदी के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी की। इंट्यूएटिव कंपनी को टेंडर मिला है। 

दो हफ्ते में निर्णय
यह उपकरण फोर्थ जनरेशन का है। इसमें का एक हिस्सा थर्ड जनरेशन का है। इस हिस्से के कारण उपकरण की तकनीकी प्रक्रिया में रिफर्बिश्ड यानी नूतनीकरण किया गया उत्पाद शब्द का उपयोग किया गया है। इस पर हाफकिन ने आपत्ति दर्ज कराई है। इस पर आईआईटी मुंबई व स्वास्थ्य नियामक मंडल की राय ली गई थी। मंडल के अनुसार उपकरण में एक हिस्सा थर्ड जनरेशन का है। इससे कामकाज पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यह हिस्सा नया खरीदा गया है। इससे पहले उस हिस्से का कभी उपयोग नहीं किया गया है। ऐसी जानकारी कंपनी द्वारा दी गई है। इस विवाद पर निर्णय लेने के लिए सरकार ने एक समिति स्थापित की है, इसलिए कंपनी ने वहां अपना पक्ष रखकर न्याय की गुहार लगाने का आदेश न्यायालय ने दिया है। समिति द्वारा इस पर दो हफ्ते में निर्णय लेने का आदेश भी दिया गया है। अधिवक्ता अनूप गिल्डा ने न्यायालय मित्र, अधिवक्ता फिरदौस मिर्झा ने सरकार की तरफ से और एड. आर. एन. बढ़े ने कंपनी की तरफ से कामकाज देखा। 

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