कूटनीति: जी-20 चीन के विदेश मंत्री से मिले एस जयशंकर, सीमा समझौते के बाद पहली मुलाकात

विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने सोमवार रात रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की। दोनों नेताओं ने सीमा पर तनाव कम करने के बाद द्विपक्षीय संबंधों में अगले कदमों पर चर्चा की। अक्टूबर में भारत और चीन के बीच सीमा पर सैनिकों की वापसी के समझौता होने के बाद यह उनकी पहली मुलाकात थी।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-19 06:30 GMT

रियो डी जेनेरियो, 19 नवंबर (आईएएनएस)। विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने सोमवार रात रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की। दोनों नेताओं ने सीमा पर तनाव कम करने के बाद द्विपक्षीय संबंधों में अगले कदमों पर चर्चा की। अक्टूबर में भारत और चीन के बीच सीमा पर सैनिकों की वापसी के समझौता होने के बाद यह उनकी पहली मुलाकात थी।

जयशंकर ने एक्स पर लिखा कि सोमवार को जी-20 के दौरान हुई बैठक में, 'भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में हाल ही में हुई सैन्य वापसी पर चर्चा हुई। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में अगले कदमों को लेकर विचार किया गया।'

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने सोमवार को बीजिंग में एक ब्रीफिंग में कहा कि उनका देश 'रणनीतिक आपसी विश्वास को बढ़ाने' के लिए तैयार है।

दोनों शीर्ष राजनयिकों की यह बातचीत पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कजान में हुई बैठक के बाद हुई है। कजान मीटिंग के बाद दोनों देशों ने सीमा तनाव को कम करने में सफलता हासिल की थी।

कजान में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी बैठक के बाद इस बात पर जोर दिया था कि विदेश मंत्री स्तर की बैठक जल्द से जल्द होगी।

जयशंकर ने वांग के साथ बैठक से पहले कहा, "कजान में, हमारे नेताओं ने 21 अक्टूबर की समझ को ध्यान में रखते हुए आपसी रिश्तों में अगले कदम उठाने पर आम सहमति बनाई।" उन्होंने कहा, "मुझे यह जानकर खुशी हुई कि जमीनी स्तर पर उस समझ का कार्यान्वयन योजना के अनुसार आगे बढ़ा है।"

लिन ने कहा, "चीन दोनों देशों के नेताओं के बीच महत्वपूर्ण आम समझ को आगे बढ़ाने, संचार और सहयोग को बढ़ाने और रणनीतिक आपसी विश्वास को बढ़ाने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है।"

21 अक्टूबर को भारत ने चीन के साथ सीमा समझौते पर पहुंचने की घोषणा की थी, जिससे लंबे समय से चले आ रहे गतिरोध समाप्त होने की शुरुआत हुई।

अगले दिन समझौते की पुष्टि करते हुए बीजिंग ने कहा कि 'प्रासंगिक मामलों' पर समाधान हो गया है और वह समझौते की शर्तों को लागू करने के लिए नई दिल्ली के साथ मिलकर काम करेगा।

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